इंदौर में बनेगा विश्व का सबसे बड़ा बायो सीएनजी प्लांट, एमआईसी बैठक में प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी

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देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में पहचाने जाने वाले इंदौर ने एक और बड़ी उपलब्धि की ओर कदम बढ़ा दिया है। शहर के देवगुराड़िया क्षेत्र में पहले से मौजूद एशिया के सबसे बड़े *बायो सीएनजी प्लांट* को अब विश्व का सबसे बड़ा प्लांट बनाने की योजना को मंजूरी दी गई है। नगर निगम की एमआईसी बैठक में इस महत्वाकांक्षी परियोजना को स्वीकृति दी गई, जिससे इंदौर नई ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में विश्व पटल पर अपनी छाप छोड़ने को तैयार है।वर्तमान में देवगुराड़िया प्लांट की क्षमता *500 एमएलडी (मिलियन लीटर डेली)* है, जिसे विस्तार के बाद *800 एमएलडी* तक बढ़ाया जाएगा। इसके लिए नगर निगम द्वारा अतिरिक्त भूमि भी आवंटित की जाएगी। इस परियोजना का कार्य शीघ्र शुरू करने का निर्णय लिया गया है।

बैठक में अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
महापौर पुष्यमित्र भार्गव की अध्यक्षता में हुई एमआईसी बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा और निर्णय लिए गए:

1. 450 करोड़ की लागत से 23 नई सड़कों का निर्माण:- इन सड़कों को मास्टर प्लान के तहत विकसित किया जाएगा।
2. मृत पशुओं के निपटान के लिए नई तकनीक:- ट्रेंचिंग ग्राउंड पर इंसिनरेशन तकनीक से पशुओं के शवों का निपटान किया जाएगा। इसके लिए मशीनें खरीदी जाएंगी।
3. निजी बोरिंग पर जुर्माना:- निजी बोरिंग के पानी का व्यावसायिक इस्तेमाल रोकने और जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया। इससे जल स्रोतों के अति दोहन को नियंत्रित किया जाएगा।
4. सीएसआर के तहत एक जोन को आत्मनिर्भर बनाना:- कचरा प्रबंधन और प्रोसेसिंग के लिए निजी कंपनियों की मदद से यह कार्य किया जाएगा।
5. सफाई के लिए नई मशीनें:- नवीन तकनीक वाली स्वीपिंग मशीनें खरीदी जाएंगी और पश्चिम क्षेत्र में एक नया गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन बनाया जाएगा।
6. टीडीआर प्रमाणपत्र का लाभ:- अतिक्रमण हटाने और भूमि अधिग्रहण के बदले जारी किए जाने वाले टीडीआर (ट्रांसफर ऑफ डेवलपमेंट राइट्स) सर्टिफिकेट के लिए ऑनलाइन पोर्टल शुरू करने और पॉलिसी में संशोधन का फैसला लिया गया।

महापौर की टिप्पणी और भविष्य की योजनाएं
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि इन योजनाओं से इंदौर की पहचान को और मजबूती मिलेगी। *सड़क निर्माण, कचरा प्रबंधन, जल संरक्षण, और ऊर्जा उत्पादन* जैसे क्षेत्रों में उठाए गए कदम पर्यावरण और विकास के संतुलन को बनाए रखने में सहायक होंगे।इंदौर की यह पहल न केवल पर्यावरण सुरक्षा के लिहाज से मील का पत्थर साबित होगी बल्कि अन्य शहरों के लिए भी प्रेरणा बनेगी।

Pooja upadhyay
Author: Pooja upadhyay

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