पुलिस के साथ झड़प के बाद किसानों ने दिल्ली मार्च को रोक दिया है। शंभू बॉर्डर पर पुलिस द्वारा किसानों को रोके जाने के बाद किसानों का प्रदर्शन स्थगित कर दिया गया है। रविवार दोपहर 12 बजे, 101 किसानों का एक जत्था शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर मार्च करने के लिए निकला था, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया और दिल्ली की ओर बढ़ने की अनुमति नहीं दी। इस पर किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई, जिसमें पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। इस झड़प में 8 किसान घायल हो गए।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस घटना के बाद उनका प्रदर्शन फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि शांतिपूर्वक मार्च करने के बावजूद पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले दागे गए। पंढेर ने कहा कि कल एक महत्वपूर्ण बैठक की जाएगी, जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा विरोध की आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।किसान अपनी विभिन्न मांगों, खासकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। किसान नेताओं का आरोप है ,कि दिल्ली जाने के दौरान पुलिस ने उन्हें रोका और प्रदर्शन को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। पुलिस ने दावा किया है ,कि उनके पास किसान यूनियनों द्वारा भेजी गई 101 किसानों की सूची थी, लेकिन प्रदर्शनकारी किसान उस सूची में शामिल नहीं थे। इस स्थिति के बाद शंभू बॉर्डर पर तनाव बढ़ गया है।