उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति अपने रुख में अचानक बदलाव करते हुए उन्हें “किसानों का लाड़ला” करार दिया। यह बदलाव तब हुआ, जब कुछ ही दिन पहले उपराष्ट्रपति ने शिवराज सिंह से किसानों से किए गए वादों को लेकर कड़ी फटकार लगाई थी।दो दिन पहले, उपराष्ट्रपति ने कृषि मंत्री से सवाल किया था कि किसानों से जो वादा किया गया था, वह क्यों पूरा नहीं हुआ? उन्होंने यह भी पूछा था कि इसे पूरा करने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है। उपराष्ट्रपति ने यह चिंता जताई थी कि किसान पिछले साल से ही आंदोलन कर रहे हैं, और इस साल भी उनकी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से यह जानना चाहा था कि आखिर किसानों को बेहतर भविष्य का वादा करने के बाद सरकार उनकी परेशानियों का समाधान कब तक करेगी।
हालांकि, कुछ ही दिनों में उपराष्ट्रपति ने अपने सुर में बदलाव किया। शुक्रवार को राज्यसभा में जब किसानों से संबंधित सवाल पूछे जा रहे थे, तो कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने किसानों के आंदोलनों और उनकी समस्याओं पर सवाल उठाया। साथ ही उन्होंने बिना नाम लिए उपराष्ट्रपति के पहले के बयान का जिक्र किया और पूछा कि किसानों की स्थिति को लेकर सरकार क्या कर रही है। इसके बाद उपराष्ट्रपति ने अचानक अपना रुख बदलते हुए शिवराज सिंह चौहान को संबोधित करते हुए उन्हें “किसानों का लाड़ला भाई” कह दिया। उन्होंने कहा, “अब से मैं आपको किसानों के लाड़ले के रूप में नामित करता हूं।” उपराष्ट्रपति ने यह भी भरोसा जताया कि शिवराज सिंह चौहान अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तरह निभाते हुए किसानों के हित में काम करेंगे। उनका यह बयान कृषि मंत्री के कार्यों और उनकी निष्ठा को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है। इस बदलाव ने यह साफ किया कि उपराष्ट्रपति का दृष्टिकोण अब कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति अधिक सहायक और समर्थक हो गया है, और वे किसानों के हित में उनके समर्पण की सराहना कर रहे हैं। यह पूरी स्थिति यह भी दिखाती है कि राजनीति में समय के साथ विचार और दृष्टिकोण बदल सकते हैं, और यह बदलाव एक सशक्त समर्थन का प्रतीक बन सकता है।