सागर जिले के बीना रेलवे स्टेशन पर दिल दहला देने वाली घटना ने न केवल प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया, बल्कि समाज की संवेदनहीनता को भी सामने ला दिया। प्लेटफार्म नंबर तीन पर एक अज्ञात व्यक्ति का शव करीब सात घंटे तक पड़ा रहा, लेकिन न रेलवे अधिकारी हरकत में आए और न ही यात्रियों ने मदद की कोई पहल की।
सुबह हल्की हरकत से मौत तक की अनदेखी
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह प्लेटफार्म के सागर छोर पर एक बुजुर्ग व्यक्ति हल्की हरकत करता नजर आया। थोड़ी ही देर में उसकी मौत हो गई। सुबह 11 बजे हुई इस घटना के बावजूद, प्लेटफार्म पर मौजूद जीआरपी, आरपीएफ और रेलवे कर्मचारियों ने ध्यान नहीं दिया। शव के पास से कई यात्री और रेलकर्मी गुजरते रहे, लेकिन सभी ने इसे अनदेखा किया।
शव के पास से गुजरती भीड़, पानी पीते यात्री
शव जिस स्थान पर पड़ा था, वहीं पानी का स्टैंड बना हुआ था। यात्री पानी पीने के लिए आते-जाते रहे, लेकिन किसी ने शव को हटाने या मदद के लिए रेलवे प्रशासन को सूचित करने की कोशिश नहीं की। इस लापरवाही के चलते यात्रियों को प्लेटफार्म पर काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
शाम को हुई कार्रवाई
करीब सात घंटे बाद रेलवे अस्पताल के डॉक्टर पहुंचे और शव का परीक्षण कर डेथ सर्टिफिकेट जारी किया। इसके बाद रेलवे ने जीआरपी को सूचित किया। मेमो मिलने के बाद ज,आरपी ने पंचनामा तैयार किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल की मर्चरी में भेजा।
प्रशासन और समाज पर उठते सवाल
इस घटना ने न केवल रेलवे प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है, बल्कि समाज की मानवीयता पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। क्या हम इतने असंवेदनशील हो गए हैं कि एक इंसान की मौत को अनदेखा कर देते हैं? यह घटना हमें अपने कर्तव्यों और मानवता के प्रति हमारी जिम्मेदारी का पुनर्विचार करने के लिए मजबूर करती है।