8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Pay Commission) की घोषणा का इंतजार कर रहे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए अच्छी खबर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि आयोग का गठन 2026 तक किया जा सकता है।
8वें वेतन आयोग की सिफारिशों से कर्मचारियों को मिल सकती है बड़ी राहत
अगर 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होती हैं, तो केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹34,560 हो सकती है, जो कि करीब 92% की वृद्धि होगी। इसके साथ ही, पेंशनभोगियों के लिए न्यूनतम पेंशन ₹17,280 तक बढ़ने की संभावना है। यह कदम केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत हो सकता है, खासकर महंगाई और आर्थिक दबाव को देखते हुए।
कब हो सकती है घोषणा
अभी तक इस पर आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि 8वें वेतन आयोग की घोषणा आगामी केंद्रीय बजट 2025 में हो सकती है। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है, क्योंकि यह आयोग उनके वेतन, भत्तों, पेंशन और अन्य लाभों की समीक्षा करेगा और सुधार की सिफारिश करेगा।
पिछला वेतन आयोग और इसके प्रभाव
भारत में केंद्रीय वेतन आयोग हर दस साल में गठित होता है, और इसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के वेतनमान, भत्तों और अन्य लाभों की समीक्षा करना होता है। इससे पहले, सातवां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था, जिसके बाद कर्मचारियों को वेतन में वृद्धि और अन्य लाभ मिले थे। अब आठवें वेतन आयोग से और अधिक बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है।
कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए उम्मीदें
आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को राहत मिलने की उम्मीद है, जिससे उनका जीवनस्तर सुधार सकता है। इस समय, महंगाई और आर्थिक उतार-चढ़ाव के बीच यह वेतन आयोग की सिफारिशें एक सकारात्मक कदम साबित हो सकती हैं।इस प्रकार, केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए यह एक बड़ा निर्णय है, जो उनके वित्तीय भविष्य को प्रभावित करेगा।