500 रुपये के नोट को लेकर एक बार फिर बाजारों में नोटबंदी जैसी आशंका फैल गई है। सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे एक मैसेज में दावा किया गया कि सभी बैंकों को सितंबर 2025 तक 75% एटीएम से 500 के नोट हटाने और फिर मार्च 2026 तक 90% एटीएम से इन्हें पूरी तरह निकालने का निर्देश मिला है। इस अफवाह से इंदौर से लेकर मुंबई तक के व्यापारिक बाजारों में हलचल मच गई।
थोक व्यापारियों से लेकर हवाला नेटवर्क तक में छोटे नोटों की मांग अचानक बढ़ गई, जिससे आशंका और गहरी हो गई। व्यापारी कहने लगे कि अगर ये नोट धीरे-धीरे भी सिस्टम से हटे तो व्यापार में कैश हैंडलिंग बेहद कठिन हो जाएगी। क्योंकि 100 और 200 के नोटों से लेनदेन, संग्रहण और परिवहन सब कुछ महंगा और जटिल हो जाएगा।
हालांकि, बैंकों ने इस खबर को पूरी तरह खारिज कर दिया है। इंदौर, भोपाल से लेकर मुंबई के राष्ट्रीयकृत बैंक मुख्यालयों ने स्पष्ट कहा है कि आरबीआई से ऐसा कोई आदेश नहीं मिला है। न तो मौखिक और न ही लिखित रूप से 500 के नोट बंद करने को कहा गया है।
नईदुनिया ने जब इसकी पुष्टि के लिए इंदौर व अन्य शहरों के बैंक अधिकारियों से बात की, तो उन्होंने इसे ‘सोशल मीडिया आधारित झूठी खबर’ बताया और लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की।
व्यापारियों की चिंता:
बाजार में नकदी आधारित लेनदेन आज भी बड़ी मात्रा में होता है। ऐसे में यदि बड़े नोट बंद किए जाते हैं, तो छोटे नोटों में ट्रांजेक्शन करना महंगा और असुविधाजनक हो जाएगा। इसके अलावा डिजिटल भुगतान पर लगने वाले शुल्क से भी व्यापार लागत बढ़ेगी।
निष्कर्ष:
फिलहाल 500 के नोट बंद करने का कोई सरकारी ऐलान नहीं हुआ है। यह केवल अफवाह है, जिससे घबराने की जरूरत नहीं है। बैंक और आरबीआई की ओर से ऐसी कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।
