नई दिल्ली (विशेष प्रतिनिधि) आज शाम के बाद से इस्लामिक मान्यताओ के अनुसार रबी उल अव्वल का महीना शुरू हो गया है। इस्लाम धर्म के आखरी नबी और अल्लाह के सबसे प्रिय हजरत पैगंबर मोहम्मद साहब की आमद का जश्न देश दुनिया में 4 से 5 सितंबर को मनाया जाएगा। इस माह के पहले दिन से मुस्लिम वर्ग के बीच जश्न का माहौल रहता है। चंद्रमा की 12 तारीख को ईद मिलादुन्नबी मनाई जा रही है। मुस्लिम वर्ग इस माह मस्जिद, घरों ओर प्रतिष्ठानों को सजाते हैं। मस्जिदों और मोहल्लों में तकरीर का आयोजन भी किया जाता है। ईद मिलादुन्नबी के दिन विशेष नमाज अदा की जाती है लोग एक दूसरे को मुबारकबाद देते हैं मुस्लिम समुदाय के लोग नए कपड़े पहनकर खुशियां मनाते हैं। साथ ही धार्मिक जुलूस भी निकलता है। मुस्लिम वर्ग के लिए यह साल भर का सबसे बड़ा जश्न है। 1588 में उस्मानिया साम्राज्य में यह त्यौहार का प्रचलन जन मानस में सर्वाधिल प्रचलित हुआ। इस जश्न को सुन्नी इस्लाम, शिया इस्लाम और इत्यादी मुस्लिम समुदायों में मनाया जाता है। वही वहाबी और सलफ़ी इसे नहीं मनाते है।
मोहम्मद पैगम्बर साहब के बारे में…
हजरत पैगंबर मोहम्मद साहब का जन्म मक्का में हुआ था। उनके पिता का नाम अब्दुल्लाह और माता का नाम आमिना था। उनका पालन-पोषण उनके चाचा ने किया था। 40 वर्ष की आयु में, उन्हें मक्का के पास एक गुफा में फरिश्ते जिब्रील अले सलाम के माध्यम से अल्लाह का संदेश मिलना शुरू हुआ। मुहम्मद अल्लाह के आखिरी पैगंबर हैं। मुहम्मद साहब ने एकेश्वरवाद का संदेश दिया और कुरान की शिक्षाओं का प्रचार किया। उन्होंने मक्का से मदीना (हिजरा) में प्रवास किया और वहां इस्लाम को संगठित किया। 630 ईस्वी में, पैगंबर मुहम्मद साहब ने मदीना से मक्का पर विजय प्राप्त की और मक्का के लोगों ने इस्लाम स्वीकार कर लिया। 632 ईस्वी में मदीना में उनका विशाल हो गया, लेकिन उनके द्वारा स्थापित इस्लाम दुनिया भर में फैल गया। मुहम्मद साहब को मुसलमानों द्वारा एक महान धार्मिक धर्मगुरु के रूप में माना जाता है। उनके जीवन और शिक्षाओं को मुसलमानों के लिए एक आदर्श मानते है।
सैयद शकील अहमद चिश्ती ने मुबारकबाद दी
रबी उल अव्वल का चांद दिखने के बाद देश और दुनिया में जश्न का माहौल है इसी के साथ भारत के प्रमुख सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेर दरगाह के खादिम सैयद शकील अहमद चिश्ती, ने सभी देशवासियों को ईद मिलादुन्नबी की मुबारकबाद दी। जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि 30 अगस्त को अजमेर शरीफ की छठी और 5 सितंबर को ईद मिलादुन्नबी का त्यौहार मनाया जाएगा।