उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और डॉक्टरों की सलाह को बताया। इस्तीफा देते हुए उन्होंने कहा कि भारत की प्रगति का साक्षी बनना उनके जीवन का सबसे बड़ा गर्व और सम्मान है।
धनखड़ ने अपने पत्र में लिखा, “मैं स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं माननीय राष्ट्रपति का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने मेरे कार्यकाल के दौरान निरंतर सहयोग और स्नेह दिया।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मंत्रिपरिषद और सांसदों का भी धन्यवाद जताते हुए कहा कि “मुझे उनसे मिला स्नेह, विश्वास और अपनापन हमेशा मेरी स्मृति में रहेगा।”
धनखड़ ने यह भी कहा कि उनके लिए यह गर्व की बात है कि उन्होंने भारत की अभूतपूर्व आर्थिक प्रगति और विकास को नज़दीक से देखा और उसका हिस्सा बने।
धनखड़ का कार्यकाल अगस्त 2027 तक था, लेकिन उन्होंने उससे पहले ही पद छोड़ने का निर्णय लिया। उपराष्ट्रपति बनने से पहले वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और पेशे से वकील थे।उनके अचानक दिए गए इस्तीफे से राजनीतिक हलचल तेज हो गई हैं।
