सूअर की किडनी प्रत्यारोपण में बना इतिहास: अमेरिकी महिला ने 61 दिन तक जीवित रहकर रचा नया विश्व रिकॉर्ड

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मेडिकल साइंस का चमत्कार: इंसान और जानवर के अंगों का मिला संगम………………………….
अमेरिका की अलबामा राज्य की रहने वाली टोवाना लूनी (Towana Looney) ने सूअर की किडनी प्रत्यारोपण के बाद 61 दिनों तक जीवित रहकर इतिहास रच दिया। यह उपलब्धि न केवल उनके लिए बल्कि मेडिकल जगत के लिए भी मील का पत्थर साबित हुई है।लूनी, जो दो दशकों से डायलिसिस पर निर्भर थीं, 2 महीने से अधिक समय तक सफलतापूर्वक सूअर की जीन संशोधित (जेनेटिकली मॉडिफाइड) किडनी के साथ जीवित रहीं। इस अभूतपूर्व केस ने मेडिकल विज्ञान की नई संभावनाओं को जन्म दिया है और ऑर्गन प्रत्यारोपण के भविष्य में उम्मीदें जगाई हैं।

दो दशक की लड़ाई के बाद जिंदगी का नया मोड़

टोवाना लूनी पिछले 20 वर्षों से डायलिसिस मशीन पर थीं। उनकी जिंदगी ने नया मोड़ तब लिया, जब वह जेनेटिकली मॉडिफाइड सूअर की किडनी प्रत्यारोपण प्राप्त करने वाली अमेरिका की पांचवीं व्यक्ति बनीं।प्रत्यारोपण का नेतृत्व न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी लैंगोन हेल्थ के प्रमुख डॉक्टर रॉबर्ट मोंटगोमरी ने किया। डॉ. मोंटगोमरी ने कहा, “लूनी की नई किडनी पूरी तरह से सामान्य रूप से काम कर रही है, और वह अपनी रिकवरी को लेकर बेहद खुश हैं। हमें भरोसा है कि यह किडनी आने वाले कई सालों तक अपना काम करेगी।”

मानव अंगों की कमी का समाधान बना ‘सूअर का अंग’

ऑर्गन प्रत्यारोपण के लिए मानव अंगों की भारी कमी को देखते हुए वैज्ञानिक लंबे समय से जानवरों, खासकर सूअरों के अंगों को विकल्प के रूप में विकसित करने पर काम कर रहे हैं।जीन संशोधित सूअरों के अंग इंसानी शरीर के लिए बेहतर मेल खाते हैं। इससे संभावनाएं बढ़ी हैं कि ये प्रत्यारोपण ज्यादा सफल और प्रभावी साबित होंगे। अमेरिका में फिलहाल एक लाख से ज्यादा लोग अंग प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा सूची में हैं, जिनमें से कई की समय पर अंग न मिलने की वजह से मौत हो जाती है।सूअर के अंगों को “रीन्यूएबल सोर्स” के रूप में देखा जा रहा है, जिससे यह ट्रांसप्लांट मेडिसिन में एक क्रांतिकारी खोज साबित हो सकता है।

मेडिकल साइंस में नई उम्मीदें

टोवाना लूनी की सफलता ने “जेनोट्रांसप्लांटेशन” (जानवरों से इंसानों में अंग प्रत्यारोपण) के क्षेत्र में नई ऊर्जा भर दी है। यह केस दिखाता है कि जानवरों के अंगों का उपयोग भविष्य में कैसे लाखों लोगों की जिंदगी बचाने में सहायक हो सकता है।रिसर्च टीम अब इस सफलता से प्रेरणा लेकर सूअर के अंगों के औपचारिक परीक्षणों की तैयारी कर रही है, जो जल्द ही शुरू होंगे। यह ट्रांसप्लांटेशन न केवल अंगों की कमी को दूर करने का एक प्रभावी समाधान होगा बल्कि लाखों लोगों के जीवन को बचाने की उम्मीद बन सकता है।

Pooja upadhyay
Author: Pooja upadhyay

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