मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के कन्या आश्रम में बच्चियों से पैर दबवाने और घरेलू काम कराने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। शिक्षिका सुजाता मडके पर छात्राओं से न केवल पैर दबवाने, बल्कि उन्हें डांटने, मारने और यहां तक कि अपने बेटे की सेवा करवाने के भी आरोप लगे हैं।मंगलवार को इस घटना का वीडियो वायरल होते ही अभिभावकों में आक्रोश फैल गया। शिकायत के बाद जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त सत्येंद्र सिंह मरकाम ने तत्काल जांच के आदेश दिए। बुधवार को शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया, जबकि प्रधान पाठक राजकुमार शर्मा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
कैसे सामने आया मामला?
- वीडियो वायरल: शिक्षिका के व्यवहार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैला।
- अभिभावकों की शिकायत: वीडियो देखने के बाद गुस्साए अभिभावक कलेक्ट्रेट पहुंचे और शिक्षिका के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
- बच्चियों की गवाही: जांच अधिकारी के सामने छात्राओं ने रोते हुए शिक्षिका की करतूतें बताईं।
- प्रशासन की त्वरित कार्रवाई: मामले की गंभीरता को देखते हुए शिक्षिका को निलंबित कर विकासखंड अधिकारी कार्यालय, छपारा में अटैच कर दिया गया।
बच्चियों ने बताई आपबीती, कलेक्टर तक पहुंची शिकायत
छात्राओं ने कलेक्टर संस्कृति जैन को रोते हुए बताया कि शिक्षिका न सिर्फ उन्हें पढ़ाने के बजाय घरेलू काम करवाती थी, बल्कि डांटने-मारने के साथ ही अपने बेटे की सेवा करने के लिए भी मजबूर करती थी। जांच के दौरान शिक्षिका और अभिभावकों के बीच जमकर बहस भी हुई।
प्रशासन ने क्या कहा?
सहायक आयुक्त सत्येंद्र सिंह मरकाम ने पुष्टि की कि शिकायतें सही पाई गईं और शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही प्रधान पाठक को भी नोटिस जारी किया गया है।
