उज्जैन की शिप्रा नदी को प्रदूषणमुक्त और अविरल बनाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने ‘नमामि शिप्रा’ अभियान की शुरुआत की है, जो सिंहस्थ 2028 से पहले पूरा किया जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य शिप्रा नदी को स्वच्छ बनाए रखना और उज्जैन नगर के विकास को गति देना है।
सिंहस्थ 2028 के आयोजन से पहले उज्जैन की जरूरतों और विकास को ध्यान में रखते हुए सरकार ने पीआईयू (प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट) का गठन किया है, जिसे नमामि शिप्रा परियोजना प्रबंधन इकाई नाम दिया गया है। पीआईयू को तीन वर्षों में शिप्रा नदी के लिए चल रहे सभी निर्माण कार्यों को पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है।
इस प्रोजेक्ट के तहत नदी की अविरल धारा बनाए रखना और सफाई सुनिश्चित करना मुख्य उद्देश्य है। इसके लिए एक उच्चस्तरीय टीम बनाई गई है, जिसमें 5 एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, 1 पर्यावरण विशेषज्ञ, 6 असिस्टेंट इंजीनियर और 9 सब इंजीनियर शामिल हैं। इस परियोजना की निगरानी और क्रियान्वयन के लिए उज्जैन डिवीजन के चीफ इंजीनियर को डायरेक्टर नियुक्त किया गया है।