मध्य प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों और अतिथि विद्वानों के लिए सार्थक एप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है। उच्च शिक्षा विभाग ने स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा है कि 1 मार्च 2025 से एप के बिना उपस्थिति मान्य नहीं होगी। जो कर्मचारी अनुपस्थित पाए जाएंगे, उनका वेतन रोक दिया जाएगा और आवश्यकतानुसार कार्रवाई भी की जाएगी।
अब तक केवल 60% अनुपालन
हालांकि यह नियम 1 जुलाई 2023 से लागू है, लेकिन अब तक केवल 60% कर्मचारी ही एप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं। इस लापरवाही को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने सभी क्षेत्रीय संचालकों को पत्र जारी कर सख्त निर्देश दिए हैं कि आगामी समयसीमा तक 100% अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
लॉगिन प्रक्रिया के लिए अंतिम तिथि 28 फरवरी
सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और अतिथि विद्वानों को 28 फरवरी 2025 तक लॉगिन प्रक्रिया पूरी करनी अनिवार्य है।
अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए लॉगिन आईडी उनका ट्रेजरी एम्प्लॉय कोड होगी।
अतिथि विद्वानों के लिए लॉगिन आईडी के रूप में मोबाइल नंबर का उपयोग किया जाएगा।
अनुपालन न करने पर सख्त कार्रवाई
सभी कॉलेजों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अधिकारियों, कर्मचारियों, अतिथि विद्वानों और आउटसोर्स कर्मचारियों की सूची तैयार करें और समय रहते लॉगिन प्रक्रिया पूरी कराएं। अनुपालन न करने पर न केवल वेतन रोका जाएगा, बल्कि संबंधित कर्मियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है।
क्यों जरूरी है सार्थक एप?
सार्थक एप के जरिए कर्मचारियों की उपस्थिति की पारदर्शिता बढ़ेगी और अनुशासन सुनिश्चित किया जा सकेगा। इससे कर्मचारियों के काम के प्रति जिम्मेदारी और उत्तरदायित्व भी बढ़ेगा, उच्च शिक्षा विभाग के इस कदम का उद्देश्य कामकाज में सुधार लाना और लापरवाही पर लगाम लगाना है। सभी संबंधित कर्मचारियों से अपील की गई है कि वे 28 फरवरी तक लॉगिन प्रक्रिया पूरी कर लें, ताकि 1 मार्च से कोई असुविधा न हो।
