5 फरवरी 2025: भारत सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। वित्त मंत्रालय ने 29 जनवरी 2025 को एक आधिकारिक सर्कुलर जारी कर ChatGPT और DeepSeek जैसे AI टूल्स के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध सरकारी उपकरणों पर लागू होगा, जिसका उद्देश्य संवेदनशील सरकारी डेटा को साइबर खतरों से बचाना है।
सरकार ने क्यों लगाया AI टूल्स पर प्रतिबंध?
इस आदेश पर वित्त मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रदीप कुमार सिंह ने हस्ताक्षर किए हैं। सर्कुलर में कहा गया है कि AI-आधारित एप्लिकेशन सरकारी सिस्टम की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं। इसके चलते, मंत्रालय ने सभी सरकारी कर्मचारियों को आधिकारिक उपकरणों पर इन टूल्स का उपयोग न करने की सख्त सलाह दी है। यह आदेश राजस्व, आर्थिक मामलों, व्यय, सार्वजनिक उद्यम, DIPAM और वित्तीय सेवाओं जैसे प्रमुख सरकारी विभागों में लागू होगा।
AI टूल्स को प्रतिबंधित करने की वैश्विक प्रवृत्ति
AI टूल्स को लेकर दुनिया भर में सुरक्षा चिंताएं बढ़ रही हैं। कई सरकारें और कंपनियां संवेदनशील डेटा की सुरक्षा के लिए AI टूल्स के उपयोग को सीमित कर रही हैं। ChatGPT और DeepSeek जैसे मॉडल उपयोगकर्ताओं के डेटा को बाहरी सर्वर पर प्रोसेस करते हैं, जिससे डेटा लीक और साइबर हमले का खतरा बढ़ जाता है।
AI टूल्स पर प्रतिबंध की मुख्य वजहें
1️⃣ संवेदनशील डेटा लीक का खतरा
सरकारी कर्मचारी इन टूल्स में गोपनीय जानकारी दर्ज कर सकते हैं, जो स्टोर या एक्सेस किए जाने पर दुरुपयोग का कारण बन सकता है। वित्तीय डेटा, नीति दस्तावेज और आंतरिक संचार लीक होने से गंभीर सुरक्षा संकट उत्पन्न हो सकता है।
2️⃣ AI मॉडल पर सरकार का नियंत्रण नहीं
AI टूल्स क्लाउड-बेस्ड होते हैं और निजी कंपनियों के स्वामित्व में होते हैं। उदाहरण के लिए, ChatGPT का स्वामित्व OpenAI के पास है, और सरकार यह नहीं जान सकती कि वह डेटा को कैसे प्रोसेस या स्टोर कर रहा है। इससे विदेशी हस्तक्षेप और साइबर हमले का जोखिम बढ़ जाता है।
3️⃣ डेटा संरक्षण कानूनों के अनुपालन की आवश्यकता
भारत डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) एक्ट, 2023 को लागू कर रहा है, जो डेटा गोपनीयता को लेकर सख्त नियम बनाता है। AI टूल्स का अनियंत्रित उपयोग सरकारी डेटा सुरक्षा नीतियों का उल्लंघन कर सकता है, जिससे साइबर खतरों का खतरा बढ़ जाता है।
क्या यह प्रतिबंध निजी उपकरणों पर भी लागू होगा?
फिलहाल, सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि कर्मचारी अपने निजी उपकरणों पर AI टूल्स का उपयोग कर सकते हैं या नहीं। हालांकि, सरकार के इस कदम से यह संकेत मिलता है कि वह AI टेक्नोलॉजी के प्रति सतर्क रुख अपना रही है और डेटा सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।
भविष्य में क्या हो सकता है?
सरकार AI टूल्स के उपयोग को लेकर कोई नई नीति बना सकती है या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन फिलहाल, सरकारी अधिकारियों को पारंपरिक कार्य प्रणाली पर निर्भर रहने की सलाह दी गई है, ताकि संवेदनशील डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके| वित्त मंत्रालय का यह फैसला सरकारी डेटा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उठाया गया है। यह प्रतिबंध उन सभी सरकारी कर्मचारियों पर लागू होगा जो सरकारी नेटवर्क और उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं। हालांकि, AI टूल्स की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, भविष्य में सरकार इसके सुरक्षित उपयोग के लिए कड़े नियम और नीतियां बना सकती है।
