मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के हिंदी भवन में आयोजित संत रविदास जयंती समारोह में शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने संत रविदास जी महाराज को नमन करते हुए उनके जीवन, विचार और समाज के प्रति योगदान पर प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास जी ने भक्ति के साथ कर्मवाद का संदेश दिया और समाज को यह सिखाया कि सच्ची आस्था मन की पवित्रता में निहित होती है।
“मन चंगा तो कठौती में गंगा” – जीवन का अमूल्य संदेश
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में संत रविदास जी के प्रसिद्ध वचन “मन चंगा तो कठौती में गंगा” का उल्लेख करते हुए कहा कि इसका गहरा आध्यात्मिक और सामाजिक अर्थ है। उन्होंने समझाया कि अगर मन निर्मल और निष्कपट हो, तो भगवान की अनुभूति कहीं बाहर नहीं, बल्कि स्वयं के भीतर ही होती है। संत रविदास जी का यह संदेश समाज को आडंबर और अंधविश्वास से दूर कर आत्मज्ञान, सच्ची भक्ति और कर्मयोग की राह दिखाता है।
संत रविदास जी का विराट दर्शन और समाज सुधार की पहल
डॉ. मोहन यादव ने कहा कि संत रविदास जी का दर्शन केवल आध्यात्मिकता तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने सामाजिक सुधार का भी नेतृत्व किया। वे कर्मयोगी थे, जिन्होंने जीवनभर परिश्रम किया और अर्जित धन का अर्धभाग समाज कल्याण के लिए दान कर दिया। उनके विचारों से चित्तौड़ की महारानी मीरा बाई से लेकर बनारस के राजा-महाराजा तक प्रभावित हुए।उन्होंने बताया कि संत रविदास जी के समतामूलक समाज के विचारों को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार एक भव्य मंदिर का निर्माण करा रही है। सागर जिले में 100 करोड़ की लागत से यह मंदिर बनाया जाएगा, जो संत रविदास जी की शिक्षाओं को जीवंत रखने का केंद्र बनेगा।
