शाजापुर में बड़ा रेल हादसा टला: पेड़ गिरने से घंटों रुकी रही इंदौर-कोटा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, यात्री परेशान

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

मंगलवार शाम मौसम के बदले मिजाज ने शाजापुर रेलवे मार्ग पर बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी। ग्राम पनवाड़ी-मोल्टा के पास तेज हवाओं के चलते रेलवे की विद्युत लाइन पर एक बड़ा बबूल का पेड़ गिर गया, जिससे हाईटेंशन वायर में शॉर्ट सर्किट हुआ और बिजली सप्लाई बाधित हो गई। इस दौरान इंदौर से कोटा जा रही इंदौर-कोटा सुपरफास्ट एक्सप्रेस को तत्काल प्रभाव से रोकना पड़ा। ट्रेन में इलेक्ट्रिक इंजन होने के कारण सप्लाई रुकते ही इंजन बंद हो गया और ट्रेन करीब चार घंटे तक रुकी रही।

हाइलाइट्स:

  • हादसा शाजापुर स्टेशन से लगभग 10 किमी दूर पनवाड़ी गांव के पास हुआ।
  • पेड़ गिरने से विद्युत तार टूट गया, जिससे ट्रेन का इंजन बंद हो गया।
  • रेलवे की टीम ने एक घंटे की मशक्कत के बाद पेड़ को हटाया, लेकिन ट्रेन संचालन रात 8 बजे तक भी शुरू नहीं हो पाया।
  • यात्री धूप और प्यास से बेहाल रहे, कई बच्चों और बुजुर्गों की स्थिति खराब हुई।
  • रेलवे अधिकारियों ने स्थिति पर स्पष्ट जानकारी देने से परहेज किया।

यात्रियों की परेशानी बढ़ी, मदद के लिए उतरे खुद लोग

चार घंटे तक ट्रेन खड़ी रहने के कारण यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। छोटे बच्चों और बुजुर्गों को सबसे अधिक दिक्कत हुई। कई यात्री ट्रेन से उतरकर रेलवे ट्रैक पर टहलते नजर आए। पानी और भोजन की कमी के चलते स्थिति और बिगड़ती गई। कुछ यात्रियों ने खुद पेड़ हटाने में भी मदद की।

स्थानीय किसान ने उठाए सवाल

घटना स्थल के पास ही स्थित एक किसान ने बताया कि रेल लाइन के किनारे कई जर्जर और पुराने पेड़ हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं। “रेलवे न तो इन्हें हटाता है और अगर हम हटाते हैं, तो हमें रोक दिया जाता है। इस लापरवाही से कभी बड़ा हादसा हो सकता है,” किसान ने नाराज़गी जताई।

रेलवे की सफाई: बहाल किया जा रहा संचालन

रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी नवल अग्रवाल ने बताया कि, “पेड़ गिरने से विद्युत आपूर्ति बाधित हुई है। हमारी टीम मौके पर पहुंच गई है और रेल यातायात बहाल करने की कोशिशें तेज़ी से जारी हैं।”

निष्कर्ष:

तेज हवाओं और पेड़ गिरने की घटना ने एक बार फिर रेलवे की व्यवस्थाओं और सुरक्षा इंतज़ामों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। समय पर पेड़ों की छंटाई और सुरक्षा उपाय नहीं किए गए तो भविष्य में इससे भी बड़े हादसे हो सकते हैं।

Pooja upadhyay
Author: Pooja upadhyay

Leave a Comment

और पढ़ें