वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बावजूद, मध्यप्रदेश के कई प्रमुख शहरों में हवा की गुणवत्ता पिछले साल के मुकाबले और भी बिगड़ गई है। 2023-24 में प्रदेश के 24 शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में वृद्धि देखी गई, जिसमें देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर भी शामिल है। इसके अलावा, देवास, रतलाम, छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम जैसे शहरों में भी हवा की गुणवत्ता और खराब हुई है।
प्रदूषण के बढ़ने के प्रमुख कारणों में पराली और नरवाई जलाने के साथ-साथ निर्माण कार्यों और खराब सड़कों से उड़ने वाली धूल को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इस धूल से वातावरण में पीएम 10 और पीएम 2.5 जैसे खतरनाक कणों की मात्रा बढ़ जाती है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक हैं। यह जानकारी मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPPCB) की वार्षिक रिपोर्ट में सामने आई है।
MPPCB अधिकारियों के अनुसार, जिन जिलों में AQI में वृद्धि देखी गई है, वहां संबंधित विभागों को कार्रवाई करने के लिए पत्र भेजे गए हैं। इस बीच, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने देश के 131 शहरों को नॉन-अटेनमेंट घोषित किया है, जिनमें भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर और देवास जैसे प्रमुख शहर भी शामिल हैं। इन शहरों के लिए 2025-26 तक पीएम 10 के स्तर को 40% तक घटाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, ताकि राष्ट्रीय मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सीमा प्राप्त की जा सके।
