मध्य प्रदेश में रविवार को एक बड़े रेल हादसे से बचने का चमत्कारिक किस्सा सामने आया। भुसावल रेलवे स्टेशन से रवाना हुई डबल डेकर मालगाड़ी, जो सही मार्ग पर चलनी थी, रास्ता भटक कर 147 किलोमीटर तक गलत ट्रैक पर दौड़ पड़ी। हैरानी की बात यह रही कि ट्रेन को रास्ते के 18 स्टेशनों पर रेलवे कर्मचारियों द्वारा बिना रोक-टोक हरी झंडी दी जाती रही, जिससे उसे आगे बढ़ाते रहने में भूल हो गई।
घटना का सार कुछ यूँ है कि गलत ट्रैक पर दौड़ती मालगाड़ी आखिरकार खंडवा यार्ड पहुँचते ही ओवरहेड इलेक्ट्रिक लाइन (OHE) से टकरा गई। इस टकराहट के तुरंत बाद बिजली की आपूर्ति बंद हो गई, जिससे बड़ी दुर्घटना टल गई। ध्यान देने योग्य बात है कि इस डबल डेकर ट्रेन की ऊँचाई लगभग 5.20 मीटर है, जबकि जिस ट्रैक पर ओएचई की ऊँचाई 5.50 मीटर दर्ज है। यही अंतर रेलवे कंट्रोलर भुसावल की चूक के कारण ट्रेन अपने निर्धारित मार्ग से भटक गई थी।
मालगाड़ी में न्यू ब्रांड 264 एसयूवी कारों का भार था, जिनकी कुल कीमत 60 करोड़ रुपए से अधिक बताई जा रही है। यदि हादसे की स्थिति और गंभीर होती, तो न केवल मालगाड़ी बल्कि रेलवे को भी भारी नुकसान हो सकता था। दुर्घटना के पश्चात रेलवे कर्मचारियों ने ओएचई की ऊँचाई बढ़ाने का आवश्यक कदम उठाया और ट्रेन को सुरक्षित रूप से भुसावल की ओर मोड़ दिया।
रेलवे अधिकारियों ने घटना की व्यापक जांच शुरू कर दी है ताकि भविष्य में ऐसी चूक को रोका जा सके और यात्रियों एवं माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
