रेत माफियाओं के साथ खनिज अधिकारी की संदिग्ध गतिविधियां?

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मनावर : (सिंघम रिपोर्टर) मनावर तहसील के ग्राम बड़दा क्षेत्र में नर्मदा नदी से अवैध रेत उत्खनन का काम जोरो पर चल रहा है। सरकार द्वारा अवैध रेत उत्खनन को लेकर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी है। इसके बावजूद कई दर्जन ट्रैक्टर ट्राली और जेसीबी मशीन द्वारा नर्मदा नदी से रेत निकालकर खरीदी बिक्री का कार्य किया जा रहा है।


विगत दिनों अवैध रेत उत्खनन की शिकायत को लेकर खनिज अधिकारी संदेश पिपलादिया द्वारा रतवा, बड़दा क्षेत्र में कार्रवाई किए जाने की समाचार प्राप्त हुए थे, जिसमें उन्होंने 54 घन मीटर रेत के ढेर पर कार्रवाई की थी जबकि प्राप्त जानकारी के अनुसार सैकड़ो घन मीटर अवैध रेत कई जगह पर उपस्थिति पाई गई थी जिसको लेकर खनिज अधिकारी ने बताया कि 8 या 9 जगह रेत के ढेर मौजूद थे जो लोगों के घरो या यार्ड में पाए गए, सभी का विवरण लिया गया है जल्द नोटिस जारी करेंगे। कार्रवाई को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि जब बिना रॉयल्टी रेत के ढेर पाए गए तो उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? उन्हें क्यों छोड़ा गया है। इस कार्रवाई को लेकर कई लोगों में असंतोष का माहौल है।


जानकारी यह भी मिली है की खनिज अधिकारी की कार्रवाई से पहले नायब तहसीलदार राजेश भिड़े द्वारा कार्रवाई की गई थी जिसमें अवैध रेत पर पंचनामा भी बनाया गया था, उस मौके पर खनिज अधिकारी ने कार्रवाई क्यों नहीं की? इन सभी सूत्रों को मिलाकर देखा जाए तो कहीं ना कहीं खनिज अधिकारी की रेत माफियाओं के साथ गतिविधियां संदिग्ध पाई जा रही है? कुछ लोगों का कहना है कि क्षेत्र में पक्षपात वाली कार्रवाई की गई। माफियाओं को छोड़ दिया गया और एक जगह पर ही कार्रवाई की गई।

मौके पर अधिकारियों ने कॉल रिसीव नहीं किया

खनिज अधिकारी संदेश पिपलादिया द्वारा 2 जुलाई को की गई कार्रवाई के दौरान जब पत्रकारों ने मामले का विवरण लेने के लिए अधिकारी को कॉल किया तो उन्होंने पत्रकारों के कॉल प्राप्त नहीं किया। सूत्रों के हवाले से जानकारी यह भी आई है कि बंद कमरे में संदिग्ध लोगों के साथ बैठकर पंचनामा और कार्रवाई को पूरा किया गया, और व्यक्ति विशेष पर कार्रवाई की गई? फिलहाल हम इस बात की पुष्टि नहीं करते। आपको बता दे की खनिज अधिकारी की कार्रवाई के अगले दिन से ही रेत उत्खनन फिर शुरू हो गया और 5 जुलाई को पत्रकारों द्वारा रेत उत्खनन के वीडियो भी अधिकारी को भेजी गई। जिसमे जेसीबी द्वारा ट्रैक्टरों को भरकर नर्मदा नदी से रेत निकाली जा रही थी। ऐसे में कार्रवाई को लेकर बड़े-बड़े दावे करने वाले अधिकारियों की बातें कमजोर नजर आने लगती है। सूत्रों ने यह भी बताया गया की तीन से चार ऐसे व्यक्ति है जो क्षेत्र में अधिकारियों की मिलीभगत से रेत उत्खनन का कार्य कर रहे हैं उन्हें खनिज अधिकारियों का संरक्षण भी प्राप्त है।

पूर्व में हो चुका है भयावह हत्याकांड

ज्ञात हो कि धार जिले की मनावर तहसील के ग्राम बड़दा क्षेत्र में एक दशक पहले रेत खनन के मामले को लेकर 14 लोगों ने तीन व्यक्तियों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। यह चर्चित हत्याकांड आज भी एक भयानक तस्वीर के रूप में दिखाई देता है। क्योंकि रेत माफियाओं और द्वारा लाखों रुपए का रेत उत्खनन खेल आज तक खेला जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार खनिज अधिकारी संदेश पिपलादिया द्वारा पक्षपात वाली कार्रवाई किए जाने पर दोबारा एक बड़ा विवाद होने की आशंका जताई जा रही है।

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Author: SinghamTimes

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