शहर के संजय गांधी अस्पताल का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने प्रदेशभर में चर्चा का विषय बना दिया है। अस्पताल में एक महिला की डिलीवरी के बाद, डॉक्टरों द्वारा लापरवाही बरतने का गंभीर आरोप लगाया गया है।परिवार का दावा है कि मार्च 2023 में महिला की डिलीवरी के दौरान डॉक्टरों ने ऑपरेशन के बाद टांके की पिन उसके पेट में ही छोड़ दी। इस गलती का खुलासा लगभग दो साल बाद, दूसरी डिलीवरी के दौरान हुआ, जब बच्चा और मां गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे थे।
महिला के दर्द की अनदेखी
डिलीवरी के बाद, महिला को पेट में लगातार दर्द होता रहा। अस्पताल से इसे सामान्य बताया गया, लेकिन दर्द खत्म नहीं हुआ। डॉक्टरों ने इसे टांके की प्रक्रिया का हिस्सा बताया और किसी बड़ी जांच की जरूरत नहीं समझी।
दूसरी डिलीवरी में हुआ खुलासा
जब महिला ने दूसरी बार बच्चे को जन्म दिया, तो डॉक्टरों को ऑपरेशन के दौरान पेट में टांके लगाने की पिन मिली। परिवार ने बताया कि इस पिन की वजह से न सिर्फ महिला को लगातार दर्द हुआ, बल्कि नवजात शिशु को भी चोट पहुंची। बच्चा गंभीर स्थिति में है और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है।यह मामला स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम के गृह जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की ऐसी हालत ने जनता को आक्रोशित कर दिया है।
सरकार से कार्रवाई की मांग
परिवार और स्थानीय निवासियों ने अस्पताल की लापरवाही के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है। वहीं, अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
यह घटना दिखाती है कि अस्पतालों में सुरक्षा और सतर्कता कितनी अहम है, और छोटी सी लापरवाही मरीज के जीवन पर भारी पड़ सकती है।
