बीमा सखी योजना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की ‘बीमा सखी योजना’ की शुरुआत की। इसके तहत अगले तीन साल में दो लाख महिला बीमा एजेंट नियुक्त किए जाएंगे। सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी की ‘बीमा सखी योजना’ के तहत 18-70 वर्ष की उम्र की 10वीं कक्षा पास महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए बीमा एजेंट बनाया जाएगा। वित्तीय साक्षरता और बीमा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए इन महिलाओं को पहले तीन वर्षों के लिए विशेष प्रशिक्षण और मानदेय दिया जाएगा। बीमा सखी योजना के तहत महिला एजेंट को पहले वर्ष 7,000 रुपये प्रति माह, दूसरे वर्ष 6,000 रुपये प्रति माह और तीसरे वर्ष 5,000 रुपये प्रति माह का मानदेय मिलेगा। इसके अलावा बीमा सखियों को कमीशन का लाभ भी मिलेगा। एलआईसी की योजना तीन साल में दो लाख बीमा सखियों को नियुक्त करने की है। प्रशिक्षण पाने के बाद ये महिलाएं एलआईसी एजेंट के रूप में काम कर सकती हैं। वहीं स्नातक बीमा सखियों को एलआईसी में विकास अधिकारी की भूमिका के लिए अर्हता प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना
मोदी सरकार ने युवाओं को ध्यान में रखते हुए ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ योजना को मंजूरी दे दी है। यह योजना शोध लेखों और पत्रिका प्रकाशन तक देशव्यापी पहुंच प्रदान करने के लिए है। एक नयी केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में तीन कैलेंडर वर्षों, 2025, 2026 और 2027 के लिए ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ के लिए कुल लगभग 6,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ भारत के युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा तक पहुंच को अधिकतम करने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में पिछले एक दशक में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई पहलों की सीमा और पहुंच को आगे बढ़ाएगा। यह अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने और सरकारी विश्वविद्यालयों, कॉलेज, शोध संस्थानों और अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं में अनुसंधान और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एएनआरएफ पहल का पूरक होगा। ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ योजना का लाभ केंद्र या राज्य सरकार द्वारा प्रबंधित सभी उच्च शिक्षण संस्थानों और केंद्र सरकार के अनुसंधान और विकास संस्थानों को सूचना एवं पुस्तकालय नेटवर्क (आईएनएफएलआईबीएनईटी) द्वारा समन्वित एक राष्ट्रीय ‘सब्सक्रिप्शन’ के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। आईएनएफएलआईबीएनईटी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का एक स्वायत्त अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र है। उच्च शिक्षा विभाग के पास एक एकीकृत पोर्टल ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ होगा, जिसके माध्यम से संस्थान पत्रिकाओं तक पहुंच बना सकेंगे।
पैन 2.0 योजना
सरकार ने 1,435 करोड़ रुपये की ‘पैन 2.0’ परियोजना शुरू करने की घोषणा की है। इसका उद्देश्य स्थायी खाता संख्या (पैन) को सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए ‘सामान्य कारोबारी पहचानकर्ता’ बनाना है। यह परियोजना करदाता पंजीकरण सेवाओं के प्रौद्योगिकी-संचालित रूपांतरण को सक्षम बनाती है। इसका उद्देश्य बेहतर गुणवत्ता के साथ पहुंच में आसानी और सेवा का त्वरित वितरण है। पैन 2.0 परियोजना के अन्य लाभ में आंकड़ों का एकल स्रोत और उनमें एकरूपता; पर्यावरण-अनुकूल प्रक्रियाएं और लागत अनुकूलन और अधिक चपलता के लिए बुनियादी ढांचे की सुरक्षा एवं अनुकूलन शामिल हैं।
पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना
मोदी सरकार ने मेधावी विद्यार्थियों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दी है, ताकि वित्तीय बाधाएं उन्हें गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्राप्त करने से न रोक सकें। इस योजना के अनुसार, गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा संस्थानों (क्यूएचईआई) में दाखिला लेने वाला कोई भी विद्यार्थी पाठ्यक्रम से संबंधित ट्यूशन शुल्क और अन्य खर्चों की पूरी राशि को कवर करने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों से बिना किसी जमानत या गारंटर के ऋण प्राप्त करने के लिए पात्र होगा। यह योजना राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग ढांचा (एनआईआरएफ) रैंकिंग द्वारा निर्धारित सरकारी और निजी सभी शीर्ष क्यूएचईआई पर लागू होगी जो समग्र, श्रेणी-विशिष्ट और विषय-विशिष्ट रैंकिंग में एनआईआरएफ में शीर्ष 100 में स्थान रखते हैं। इसमें एनआईआरएफ में 101-200 रैंक पर आने वाले राज्य सरकार के उच्च शिक्षा संस्थान और केंद्र सरकार द्वारा संचालित सभी संस्थान भी शामिल हैं।
पीएम इंटर्नशिप योजना
पीएम इंटर्नशिप योजना के तहत 21-24 वर्ष की उम्र के लोग आवेदन कर सकते हैं। योजना को कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट के जरिए लागू किया जा रहा है। इस योजना के तहत, एक प्रशिक्षु को 12 महीने के लिए 5,000 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता और 6,000 रुपये का एकमुश्त अनुदान मिलेगा। योजना के तहत इंटर्नशिप के लिए चयनित युवाओं को 5,000 रुपये मासिक वित्तीय सहायता मिलेगी। इसके अलावा, उन्हें इंटर्नशिप के लिए ‘जॉइन’ करने को लेकर एकबारगी 6,000 रुपये की सहायता दी जाएगी सरकारी सूत्रों ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में 1.25 लाख इंटर्नशिप के अवसर उपलब्ध कराने की योजना है। इस पर 800 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है।
पीएम ई-ड्राइव योजना
सरकार ने 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ पीएम ई-ड्राइव योजना शुरू की है। इस योजना का मकसद भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने, चार्जिंग अवसंरचना की स्थापना और ईवी विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास को प्रोत्साहित करना है। यह योजना एक अक्टूबर, 2024 से 31 मार्च, 2026 तक लागू की जाएगी। इसके साथ ही एक अप्रैल, 2024 से 30 सितंबर, 2024 तक के लिए लागू की जा रही ईएमपीएस-2024 (इलेक्ट्रिक गतिशीलता संवर्धन योजना) को पीएम ई-ड्राइव योजना में शामिल कर लिया जाएगा। पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए सब्सिडी बैटरी पावर के आधार पर 5,000 रुपये प्रति किलोवाट घंटा तय की गई है। योजना के दूसरे वर्ष में इसे आधा करके 2,500 रुपये प्रति किलोवाट घंटा कर दिया जाएगा और कुल लाभ 5,000 रुपये से अधिक नहीं होगा।
पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषोन्नति योजना
टिकाऊ कृषि को प्रोत्साहन और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के परिव्यय वाली दो बड़ी कृषि योजनाओं को मंजूरी दी गई है। इन योजनाओं के नाम ‘पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना’ (पीएम-आरकेवीवाई) और ‘कृषोन्नति योजना’ (केवाई) हैं। इनमें से पीएम-आरकेवीवाई योजना टिकाऊ खेती को बढ़ावा देगी जबकि कृषोन्नति योजना खाद्य सुरक्षा एवं कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को समर्पित होगी। इन दोनों कृषि योजनाओं पर कुल मिलाकर 1,01,321.61 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें से आरकेवीवाई के लिए 57,074.72 करोड़ रुपये और कृषोन्नति योजना के लिए 44,246.89 करोड़ रुपये चिह्नित किए गए हैं। इन दोनों योजनाओं में 18 मौजूदा कृषि योजनाओं को शामिल किया गया है। केंद्र सरकार इन योजनाओं को राज्य सरकारों के माध्यम से क्रियान्वित करती है।
कौशल ऋण योजना
सरकार ने संशोधित कौशल ऋण योजना की शुरुआत की है। इसके तहत सरकार प्रवर्तित कोष से 7.5 लाख रुपये तक के कर्ज की सुविधा दी जाएगी। इस उपाय से हर साल 25,000 छात्रों को मदद मिलने की उम्मीद है। पहले कौशल ऋण की सीमा केवल 1.5 लाख रुपये तक थी। इसे अब बढ़ाकर 7.5 लाख रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा, पहले केवल अनुसूचित बैंकों को ही शामिल किया गया था, जबकि अब क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, एनबीएफसी आदि को भी इस योजना से जोड़ा गया है।
पीएम सोलर घर योजना
यह योजना 15 फरवरी, 2024 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी। इस योजना के तहत, परिवारों को अपनी छतों पर सौर पैनल स्थापित करने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाएगी। सब्सिडी सौर पैनलों की लागत का 40% तक कवर करेगी।
आयुष्मान भारत प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना
एक महत्वपूर्ण कदम में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 11 सितंबर, 2024 को आयुष्मान भारत प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) के एक बड़े विस्तार को मंजूरी दे दी। इस निर्णय के तहत, 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त होगा, इस विस्तार से 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों सहित लगभग 4.5 करोड़ परिवारों को प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करके लाभान्वित किया जाएगा। इस मंजूरी के साथ, इस आयु वर्ग के प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक को उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना योजना के लाभों तक पहुंच प्राप्त होगी।