मध्य प्रदेश के सतना जिले के मैहर को जल संकटग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट रानी बाटड ने बताया कि क्षेत्र में सामान्य से कम बारिश हुई है और जल स्रोतों का जल स्तर काफी नीचे चला गया है। इसे देखते हुए संपूर्ण मैहर जिले में नए नलकूप खनन पर रोक लगा दी गई है।
क्या कहा गया है आदेश में? आदेश के अनुसार, यदि किसी इलाके में सार्वजनिक पेयजल स्रोत सूख जाते हैं और वहां कोई वैकल्पिक स्रोत उपलब्ध नहीं है, तो संबंधित एसडीएम जरूरत के अनुसार निजी जल स्रोतों का अधिग्रहण कर सकते हैं। यह अधिनियम म.प्र. पेयजल संरक्षण अधिनियम के तहत लागू किया गया है और इसे तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
अब जल स्रोतों का उपयोग केवल पेयजल और घरेलू जरूरतों के लिए ही किया जा सकेगा। किसी भी अन्य प्रयोजन के लिए इनका इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।
जल संरक्षण को प्राथमिकता जिले के सभी नदी, नाले, स्टॉप डैम, सार्वजनिक कुएं और अन्य जल स्रोतों को घरेलू उपयोग के लिए सुरक्षित किया गया है। बिना एसडीएम की पूर्व अनुमति के कोई भी व्यक्ति या ठेकेदार नया नलकूप नहीं खोद सकेगा। हालांकि, यह प्रतिबंध सरकारी परियोजनाओं पर लागू नहीं होगा। नलकूप के लिए आवेदन तय प्रारूप और शुल्क के साथ एसडीएम को देना होगा, जिसके बाद जरूरी जांच और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से सलाह ली जाएगी।
