मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शाजापुर जिले के कालापीपल तहसील क्षेत्र के 11 गांवों के नाम बदलने की घोषणा की है। यह घोषणा उन्होंने लाडली बहन योजना के तहत एक कार्यक्रम में की। मुख्यमंत्री ने मंच से यह ऐलान किया कि इन गांवों के नाम अब क्षेत्रीय पहचान और संस्कृति से जुड़े होंगे।
बदले गए गांवों के नाम
सीएम ने जिन गांवों के नाम बदलने की घोषणा की, उनमें प्रमुख रूप से:
– मोहम्मदपुर मछनाई का नाम मोहनपुर
– ढाबला हुसैनपुर का नाम ढाबला राम
– मोहम्मदपुर पंवाड़िया का नाम रामपुर पंवाड़िया
– खजुरी अलाहबाद का नाम खजूरीराम
– हाजीपुर का नाम हीरापुर
– निपानिया हिसामुद्दीन का नाम निपानिया देव
– रिछड़ी मुरादाबाद का नाम रिछड़ी
– खलीलपुर का नाम रामपुर
– उंचोद का नाम उंचावद
– घट्टी मुख्तयारपुर का नाम घट्टी
– शेखपुर बोंगी का नाम अवधपुरी रखा गया।
इससे पहले भी नाम बदले गए थे
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 5 जनवरी 2025 को उज्जैन जिले के तीन गांवों के नाम बदलने की घोषणा की थी। इनमें गजनीखेड़ी का नाम चामुंडा महानगरी, मौलाना का नाम विक्रम नगर और जहांगीरपुर का नाम जगदीशपुर रखा गया था।
कालापीपल का नाम भी बदल सकता है
कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री ने कालापीपल के नाम पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी “काला पीपल” नहीं देखा और लोगों से सुझाव देने को कहा कि इस नाम के स्थान पर कौन सा पेड़ रखा जाना चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने कालापीपल को तहसील से अनुभाग में बदलने की भी घोषणा की।
मुगल सल्तनत से जुड़ी पहचान को हटाना
राज्य सरकार के इस कदम के पीछे का उद्देश्य मुग़ल सल्तनत से जुड़े गांवों के नामों को बदलकर भारतीय संस्कृति और इतिहास से जुड़ी पहचान को बढ़ावा देना है। सूत्रों के मुताबिक, मध्य प्रदेश में कई और गांवों के नाम भी बदलने की योजना है।इस बदलाव से स्थानीय लोगों में एक नई पहचान की भावना जागृत होने की उम्मीद जताई जा रही है।