मुंबई मोटरबोट हादसा: बाल-बाल बची जौनपुर के वकील की जान

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मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया के पास एक दर्दनाक मोटरबोट हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई और कई यात्री गंभीर रूप से घायल हुए। इस घटना में जौनपुर दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता शिवपूजन मौर्य अपनी सूझबूझ और किस्मत के चलते बाल-बाल बच गए।

एलिफेंटा में देर करना पड़ा जीवनरक्षक
अधिवक्ता शिवपूजन मौर्य और उनके भाई, जो मुंबई घूमने आए थे, एलिफेंटा गुफाओं की सैर कर रहे थे। वहां से लौटते समय, उनके भाई ने सुझाव दिया कि 10-15 मिनट और रुककर गुफाओं का आनंद लिया जाए। इसी कारण उन्हें बाद वाली नाव में सवार होने का मौका मिला। यह वही नाव थी जो हादसे वाली मोटरबोट के पीछे करीब 200 मीटर की दूरी पर चल रही थी। हादसे के बाद मौर्य ने वाट्सएप और फोन के माध्यम से अपने मित्रों और परिवार को सुरक्षित होने की जानकारी दी।

दर्दनाक हादसे का मंजर
गेटवे ऑफ इंडिया से एलीफेंटा गुफाओं की ओर जा रही एक मोटरबोट बुधवार शाम लगभग 4 बजे बुचर द्वीप के पास नौसेना की तेज गति वाली स्पीड बोट से टकरा गई। इस भयंकर टक्कर के कारण मोटरबोट के 111 यात्रियों में से 13 की मौत हो गई, जबकि 99 लोगों को बचा लिया गया।

नौसना ने संभाला मोर्चा
हादसे के बाद चारों ओर चीख-पुकार मच गई। दूसरी नावों में सवार यात्रियों को भी डर लगने लगा। नौसेना ने तत्काल बचाव कार्य शुरू कर दिया। अधिवक्ता शिवपूजन और अन्य यात्रियों को लाइफ जैकेट पहनाई गईं और सुरक्षित गेटवे ऑफ इंडिया लाया गया।

हादसे के कारण और जांच
नौसेना के वाइस एडमिरल संजय जगजीत सिंह के अनुसार, नौसेना की स्पीड बोट परीक्षण के लिए समुद्र में उतारी गई थी, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण उसका संतुलन बिगड़ गया। तेज रफ्तार से दौड़ रही स्पीड बोट नीलकमल कंपनी की मोटरबोट से सीधा टकरा गई, जिससे मोटरबोट बीच से फट गई और डूबने लगी।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की संवेदनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये तथा घायलों को 50,000 रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मृतकों के स्वजन को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया।

बचा लिए गए यात्री और बाकी की तलाश जारी
99 यात्रियों को बचाया जा चुका है, लेकिन पांच अन्य यात्रियों की तलाश जारी है। तीन घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है, और उनका नौसेना के अस्पताल में इलाज चल रहा है। मृतकों में नौसेना के एक जवान, दो ओईएम कर्मी (मूल उपकरण निर्माता), और 10 नागरिक शामिल हैं।

यह हादसा समुद्री यात्रा की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े करता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अधिक सतर्कता और कड़े उपायों की मांग करता है।

Pooja upadhyay
Author: Pooja upadhyay

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