मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए सरकार सिर्फ 1 रुपये टोकन मनी में 25 एकड़ जमीन देगी। पहले तक यह ज़मीन निजी निवेशकों को स्वयं ही उपलब्ध करानी पड़ती थी।
राज्य सरकार के इस फैसले से निवेशकों का रुझान बढ़ेगा और ज़िलों में चिकित्सा शिक्षा व इलाज की सुविधाएं सशक्त होंगी।
कैबिनेट ने मंगलवार को इस संबंध में टेंडर दस्तावेजों में संशोधन किया। अब शासकीय अस्पतालों को निजी संस्थाओं को सौंपने की बजाय उनसे संबद्ध किया जाएगा, जिससे छात्रों को ट्रेनिंग मिल सके, लेकिन स्टाफ और डॉक्टर निजी संस्थाओं के अधीन नहीं होंगे।
डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल ने बताया कि प्रदेश के 12 ज़िलों में मेडिकल कॉलेज खोले जाने हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत इन निजी कॉलेजों में 75% तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय समिति को अब इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन की अधिकृत जिम्मेदारी दी गई है।
