माघ मास के अंतिम दिन माघी पूर्णिमा पर उज्जैन के मोक्षदायिनी शिप्रा नदी में लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इस दिन माघ स्नान का समापन होता है, और जो लोग पूरे महीने स्नान नहीं कर पाए थे, वे इस दिन पुण्य प्राप्त करते हैं। माघी पूर्णिमा पर विशेष धार्मिक महत्व होता है, जिसमें स्नान, दान और पितृ पूजा का विशेष महत्व होता है।
ज्योतिषाचार्य पं. चंदन श्यामनारायण व्यास के अनुसार, इस दिन शिप्रा में स्नान करने से विशेष लाभ होता है। इस बार माघ पूर्णिमा पर अश्लेषा नक्षत्र और शोभन योग बनने से पुण्य लाभ की संभावना और बढ़ जाती है।
इसके अलावा, माघी पूर्णिमा के दिन होली उत्सव की शुरुआत के रूप में होली का डांडा रोपा जाएगा। विभिन्न स्थानों पर होली की तैयारियों को लेकर उल्लासपूर्ण वातावरण रहेगा। युवतियां और महिलाएं गाय के गोबर से विशेष वस्तुएं बनाकर उन्हें धूप में सुखाती हैं, जो होलिका दहन के समय पूजन में अर्पित की जाती हैं। इससे घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। माघी पूर्णिमा से लेकर फाल्गुन पूर्णिमा तक होली के उत्सव का माहौल बना रहता है।
