महू से मुख्तियारा बलवाड़ा के बीच 56 किलोमीटर लंबी ब्रॉडगेज रेल लाइन बिछाई जाएगी। इस काम के लिए इंदौर और खरगोन वन मंडलों की कुल 454 हेक्टेयर वनभूमि का अधिग्रहण किया जाना है। सर्वेक्षण का कार्य वनमंडल स्तर पर पूरा हो चुका है और रिपोर्ट मुख्य वन संरक्षक (CCF) कार्यालय को सौंप दी गई है। आगे की प्रक्रिया में राज्य वन मुख्यालय, पर्यावरण समिति और केंद्रीय मंत्रालय की अनुमति में चार से पांच महीने का समय लग सकता है।
सबसे ज्यादा नुकसान इंदौर वनमंडल को
इस परियोजना में कुल 1.55 लाख पेड़ काटे जाएंगे, जिनमें से अकेले इंदौर वनमंडल क्षेत्र के महू वनक्षेत्र से 1.40 लाख और बड़वाह क्षेत्र से 15 हजार पेड़ हटाए जाएंगे। इंदौर वनमंडल की 407 हेक्टेयर और खरगोन की 46 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित होगी।
सिंगल लाइन की तैयारी, डबल लाइन का सर्वे
हालांकि पश्चिम रेलवे ने भविष्य में डबल लाइन की संभावना को देखते हुए सर्वे कराया है, लेकिन अभी सिर्फ सिंगल लाइन के हिसाब से पटरियां बिछाई जाएंगी। रेलवे द्वारा पहले रूट अलाइनमेंट बदला गया था जिससे परियोजना पहले ही तीन साल से अटकी हुई है।
रेलवे उठाएगा खर्च, 20 करोड़ की व्यवस्था
वन विभाग की ओर से पेड़ों की कटाई और लकड़ी डिपो भेजने का कार्य किया जाएगा, जिसका खर्च रेलवे वहन करेगा। इसके लिए रेलवे 20 करोड़ रुपये की राशि देगी। प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिलने पर रेलवे को यह राशि वन विभाग को जमा करनी होगी।
भूमि का मुआवजा और पौधारोपण योजना
हालांकि रेलवे से भूमि नहीं ली जाएगी, लेकिन उसे 454 हेक्टेयर वन भूमि के बदले 13 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से लगभग 59.2 करोड़ रुपये वन विभाग को चुकाने होंगे। पेड़ों की भरपाई के रूप में रेलवे दस गुना पौधे लगाएगा। यह पौधारोपण कार्य धार और झाबुआ वनमंडलों में किया जाएगा, जिसके लिए अतिरिक्त 50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
DFO का बयान
इंदौर वनमंडल के डीएफओ प्रदीप मिश्रा ने जानकारी दी है कि सर्वे रिपोर्ट भेजी जा चुकी है और जिन पेड़ों को हटाया जाना है, उन्हें चिन्हित कर लिया गया है।
