**महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है? जानिए इसका पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व**

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### **महाशिवरात्रि: महत्व, कथा और उत्सव**

**परिचय**
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह पर्व फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इसे शिव और शक्ति के मिलन का पावन दिन माना जाता है और भक्तगण इस दिन विशेष रूप से व्रत, पूजा, और रात्रि जागरण करते हैं।

### **महाशिवरात्रि का महत्व**
महाशिवरात्रि का धार्मिक, आध्यात्मिक और पौराणिक महत्व अत्यंत गहरा है। यह दिन आत्मशुद्धि, भक्ति और मोक्ष प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन व्रत और जागरण करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

### **महाशिवरात्रि की पौराणिक कथा**
महाशिवरात्रि से जुड़ी कई कथाएँ प्रचलित हैं, जिनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं:

#### **1. शिव-पार्वती विवाह कथा**
एक पौराणिक कथा के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। माता पार्वती ने कठोर तपस्या कर शिव को पति रूप में प्राप्त किया था, और इस दिन उनका विवाह हुआ, इसलिए इसे अत्यंत शुभ माना जाता है।

#### **2. समुद्र मंथन और विषपान**
एक अन्य कथा के अनुसार, जब देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया, तो उसमें से अनेक रत्नों के साथ कालकूट विष भी निकला। यह विष संपूर्ण सृष्टि को नष्ट कर सकता था, इसलिए भगवान शिव ने इसे अपने कंठ में धारण कर लिया। इस कारण उनका कंठ नीला हो गया और वे नीलकंठ कहलाए। इस घटना की स्मृति में महाशिवरात्रि मनाई जाती है।

#### **3. शिवलिंग का प्राकट्य**
एक अन्य कथा के अनुसार, एक बार भगवान विष्णु और ब्रह्मा के बीच श्रेष्ठता को लेकर विवाद हुआ। तभी एक विशाल अग्नि स्तंभ प्रकट हुआ, जिसका आदि और अंत ढूंढना असंभव था। यह अग्नि स्तंभ स्वयं भगवान शिव थे। इस दिन को शिवलिंग प्रकट होने का दिन माना जाता है, इसलिए महाशिवरात्रि को शिवलिंग की विशेष पूजा की जाती है।

### **महाशिवरात्रि की पूजा विधि**
महाशिवरात्रि के दिन भक्तजन विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन शिवलिंग का जल, दूध, दही, शहद, घी और बेलपत्र से अभिषेक किया जाता है। कुछ भक्त उपवास रखते हैं और रात्रि जागरण करते हैं। शिव मंत्रों जैसे “ॐ नमः शिवाय” का जाप किया जाता है और भगवान शिव की आराधना की जाती है।

### **महाशिवरात्रि का आध्यात्मिक संदेश**
महाशिवरात्रि केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि आत्मचिंतन और आत्मशुद्धि का अवसर भी है। यह हमें सिखाता है कि जीवन में संयम, तपस्या और भक्ति के माध्यम से हम ईश्वरीय कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव हमें यह भी सिखाते हैं कि त्याग और परोपकार से ही सच्ची शांति और मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है।

### **निष्कर्ष**
महाशिवरात्रि भगवान शिव की उपासना का पावन पर्व है, जो भक्ति, श्रद्धा और आध्यात्मिक उन्नति का संदेश देता है। यह दिन हमें शिव के गुणों को अपनाने और उनके आशीर्वाद से जीवन को सार्थक बनाने की प्रेरणा देता है। शिव भक्त इस दिन उनकी पूजा कर सुख-समृद्धि और कल्याण की कामना करते हैं।

**हर-हर महादेव!**

SinghamTimes
Author: SinghamTimes

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