प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 का आज महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर अंतिम स्नान हो रहा है। यह दिन शिवभक्तों के लिए अत्यंत विशेष है क्योंकि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। देशभर से लाखों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पर आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे हैं।
भक्तों की भारी भीड़
सुबह 10 बजे तक 81.09 लाख से अधिक लोगों ने पवित्र स्नान किया।
25 फरवरी तक कुल 64.77 करोड़ श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं।
महाशिवरात्रि के दिन ही सुबह 6 बजे तक 41 लाख से अधिक भक्तों ने डुबकी लगाई थी।
महाकुंभ के प्रमुख स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं की संख्या
पौष पूर्णिमा: 1.70 करोड़ भक्त
मकर संक्रांति: 3.50 करोड़ भक्त
मौनी अमावस्या: 7.64 करोड़ भक्त
बसंत पंचमी: 2.57 करोड़ भक्त
माघ पूर्णिमा: 2.04 करोड़ भक्त
देशभर के मंदिरों में विशेष आयोजन
काशी विश्वनाथ मंदिर: नागा साधुओं ने शस्त्र कौशल का प्रदर्शन किया, संतों पर पुष्प वर्षा की गई।
महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन: विशेष पंचामृत अभिषेक और भस्म आरती आयोजित, 10 लाख से अधिक भक्तों के आने की संभावना।
नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर: भक्तों ने गोदावरी नदी में डुबकी लगाई।
हरिद्वार: हर की पौड़ी पर भव्य गंगा आरती में भारी भीड़ उमड़ी।
दिल्ली के गौरी शंकर मंदिर और मुंबई के बाबुलनाथ मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही।
प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्था
ड्रोन से निगरानी: भीड़ नियंत्रण के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल।
2 हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात: विशेष सुरक्षा के इंतजाम।
अर्धसैनिक बलों की तैनाती: शोभायात्राओं और मंदिरों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई।
भक्तों के अनुभव
- गाजियाबाद से आए धनंजय 600 किलोमीटर साइकिल चलाकर महाकुंभ पहुंचे, फिट इंडिया मूवमेंट का संदेश दिया।
- विदेशी श्रद्धालु भी पहुंचे: थाईलैंड से आए भक्तों ने संगम स्नान को अद्भुत अनुभव बताया।
- स्थानीय श्रद्धालुओं की भावना: प्रयागराज की एक श्रद्धालु ने कहा, “यह अनुभव शब्दों में नहीं बयां किया जा सकता।”
नेताओं और संतों की शुभकामनाएं
- सीएम योगी आदित्यनाथ: श्रद्धालुओं को बधाई दी और भगवान शिव से कल्याण की प्रार्थना की।
- जूना अखाड़ा के पीठाधीश्वर: महाशिवरात्रि पर सभी के सुख-समृद्धि की कामना की।
आज के इस आस्था के महापर्व पर प्रयागराज का त्रिवेणी संगम भक्तों के जयकारों और घंटियों की गूंज से गूंज उठा। महाकुंभ के समापन के साथ ही श्रद्धालुओं ने मां गंगा का आशीर्वाद प्राप्त कर अपने जीवन को धन्य माना।
