उज्जैन के महाकाल लोक की दिव्यता और भव्यता अब और बढ़ने वाली है। पर्यटन विकास निगम के प्रस्ताव पर 75 करोड़ रुपये की लागत से यहां कांसे और सैंडस्टोन से बनी 88 नई मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। ये मूर्तियां 15 फीट ऊंची होंगी और उन पर विशेष स्थायी कोटिंग की जाएगी, जिससे ये प्रतिमाएं हजारों वर्षों तक आंधी, तूफान और जलवायु के प्रभाव से सुरक्षित रहेंगी।
साल 2022 में तूफान के दौरान सप्तऋषि मूर्तियों के क्षतिग्रस्त होने से सबक लेते हुए अब नई प्रतिमाएं अधिक मजबूत सामग्री से बनाई जाएंगी। राम मंदिर अयोध्या, काशी कॉरिडोर और अक्षरधाम में जिस प्रकार कांसे का प्रयोग हुआ है, वैसा ही यहां भी किया जाएगा।
महाकाल लोक में भगवान श्रीकृष्ण के योगेश्वर और सुदर्शन अवतार, 32 फीट ऊंची भगवान शिव की यमसंहार मूर्ति, अष्टभैरव, पंचमुखी हनुमान, द्वारपाल, शिव बारात, वीरभद्र अवतार और समुद्र मंथन के समय विषपान करते शिव जैसे दिव्य रूपों की मूर्तियां भी लगाई जाएंगी।
महाकाल मंदिर परिसर के पास स्थित महाकाल लोक 7.1 एकड़ से बढ़ाकर 116 एकड़ क्षेत्र में फैला है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 856 करोड़ रुपये से अधिक है। यहां 108 दिव्य स्तंभ, भव्य प्रवेश द्वार और शिव पुराण की कथाओं को समर्पित कई आकर्षण मौजूद हैं। इस परियोजना का उद्घाटन 11 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
