महाकाल मंदिर में इस बार 10 दिन की होगी शिवनवरात्रि, भक्तों को मिलेंगे विशेष दर्शन

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ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में इस वर्ष शिवनवरात्रि का उत्सव नौ के बजाय दस दिन तक चलेगा। 17 फरवरी से शुरू होने वाले इस पावन महोत्सव में भगवान महाकाल के विभिन्न दिव्य स्वरूपों के दर्शन होंगे। मंदिर प्रशासन और पुजारियों की बैठक में इस विशेष तिथि वृद्धि पर निर्णय लिया जाएगा।

महाकाल मंदिर की अनूठी परंपरा

महाकाल मंदिर, 12 ज्योतिर्लिंगों में एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां शिव-पार्वती विवाह के उपलक्ष्य में शिवनवरात्रि महोत्सव मनाया जाता है। इस दौरान हर दिन भगवान महाकाल का विशेष श्रृंगार किया जाता है।इस बार तिथि वृद्धि के चलते, भगवान के श्रृंगार को लेकर असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। शुक्रवार को मंदिर के 16 प्रमुख पुजारियों की बैठक में यह तय किया जाएगा कि अतिरिक्त दिन किस रूप में भगवान का श्रृंगार होगा।

ग्वालियर पंचांग के अनुसार होगी तिथि निर्धारण

पंडित महेश पुजारी के अनुसार, महाकाल मंदिर की तिथियां ग्वालियर पंचांग के आधार पर निर्धारित होती हैं। यदि कोई तिथि बढ़ती है, तो भगवान का श्रृंगार उसी के अनुसार तय किया जाएगा।संभावना है कि पहले दिन का चंदन श्रृंगार दो दिन तक रखा जाए और उसके बाद अन्य श्रृंगार निर्धारित क्रम में किए जाएं।

भगवान महाकाल के दिव्य स्वरूप और श्रृंगार तिथियां

शिवनवरात्रि के प्रत्येक दिन भगवान महाकाल का अलग-अलग स्वरूप में श्रृंगार किया जाता है:

पंचमी (पहला दिन) – हल्दी से श्रृंगार, दूल्हा रूप

षष्ठी – शेषनाग स्वरूप

सप्तमी – घटाटोप श्रृंगार

अष्टमी – छबीना स्वरूप

नवमी – होलकर रूप

दशमी – मनमहेश रूप

एकादशी – उमा महेश स्वरूप

द्वादशी – शिव तांडव रूप

त्रयोदशी (महाशिवरात्रि) – इस दिन कोई विशेष श्रृंगार नहीं होता, केवल जलधारा अर्पित की जाती है।

चतुर्दशी – सप्तधान श्रृंगार

चंद्र दर्शन की दूज पर विशेष पंचमुखी दर्शन

महाशिवरात्रि के तीन दिन बाद, फाल्गुन शुक्ल द्वितीया (चंद्र दर्शन की दूज) पर भगवान महाकाल पंचमुखी रूप में दर्शन देंगे। इस दिन जो भक्त शिवनवरात्रि के दौरान दर्शन नहीं कर पाते, वे भगवान के पांचों मुखों के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित कर सकते हैं।

भक्तों के लिए महत्वपूर्ण सूचना

17 फरवरी से 26 फरवरी तक महाकाल मंदिर में विशेष दर्शन की व्यवस्था होगी।अतिरिक्त दिन की तिथि निर्धारण को लेकर पुजारियों की बैठक में जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।महाशिवरात्रि के अवसर पर मंदिर में भारी भीड़ रहने की संभावना है, इसलिए दर्शन की योजना पहले से बनाएं।

इस बार की शिवनवरात्रि ऐतिहासिक होगी, जहां भगवान महाकाल का आशीर्वाद दस दिनों तक भक्तों पर बना रहेगा।

Pooja upadhyay
Author: Pooja upadhyay

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