भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने मध्य प्रदेश में जिलाध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है, और जल्द ही नामों की घोषणा की जाएगी। पार्टी ने एक नई नीति अपनाई है, जिसके तहत यदि किसी जिले में सांसद या महापौर महिला हैं, तो उस जिले में महिला जिलाध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की जाएगी। इसके बजाय, पार्टी ने प्रमुख शहरों में महिला जिलाध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा है।
इसके अलावा, आदिवासी जिलों में गैर-आदिवासी नेताओं को जिलाध्यक्ष बनाया जाएगा, और एससी एवं ओबीसी वर्ग को भी उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा। भाजपा की योजना यह है कि जिलाध्यक्षों की चयन प्रक्रिया से क्षेत्रीय समीकरण और पार्टी के आपसी तालमेल को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाए। इसके तहत 45 से 50 वर्ष की आयु के नेता भी जिलाध्यक्ष बनाए जा सकते हैं।
पार्टी ने आर्थिक आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं को किनारे कर दिया है और जिन नामों पर सांसद और विधायक का विरोध था, उन्हें पैनल से बाहर कर दिया है। अब केवल केंद्रीय नेतृत्व की स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है, और एक-दो दिन में नये जिलाध्यक्षों की सूची जारी कर दी जाएगी।