भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि फिजियोथेरेपिस्ट कानूनी रूप से ‘डॉक्टर’ की उपाधि का उपयोग कर सकते हैं, बशर्ते कि वे आवश्यक सरकारी अनुमतियाँ प्राप्त करें। राज्य में इस समय 3028 पंजीकृत फिजियोथेरेपिस्ट हैं, जो स्वतंत्र रूप से चिकित्सा परामर्श, निदान और उपचार करने के पात्र हैं।
फिजियोथेरेपिस्ट को मिली कानूनी मान्यता
विधानसभा के बजट सत्र में लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने यह जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार के गजट के अनुसार, फिजियोथेरेपिस्ट कानूनी रूप से डॉक्टर माने जाते हैं। विधायक ब्रजेंद्र प्रताप सिंह के सवाल के जवाब में यह स्थिति स्पष्ट की गई।
क्या होगा फिजियोथेरेपिस्ट का कार्यक्षेत्र?
सरकार ने गजट में फिजियोथेरेपी को परिभाषित करते हुए बताया कि यह एक वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति है, जिसमें मरीजों को व्यायाम, मैनुअल थेरेपी, इलेक्ट्रिकल स्टिमुलेशन और अन्य तकनीकों के जरिए इलाज दिया जाता है। यह थेरेपी शारीरिक समस्याओं, चोटों, विकारों, विकलांगता, और बीमारियों के उपचार एवं रोकथाम के लिए उपयोगी होती है।
फिजियोथेरेपी क्लीनिक के लिए आवश्यक शर्तें
गजट के अनुसार, कोई भी फिजियोथेरेपी केंद्र मध्य प्रदेश नर्सिंग होम अधिनियम 1973 के तहत तभी पंजीकृत हो सकता है, जब वहां कम से कम बैचलर डिग्री प्राप्त फिजियोथेरेपिस्ट मौजूद हों।
मध्य प्रदेश में कितने फिजियोथेरेपिस्ट हैं?
- कुल पंजीकृत फिजियोथेरेपिस्ट: 3028
- मास्टर डिग्री धारक: 286
- बैचलर डिग्री धारक: 2742
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वीकृत संविदा पद: 107 (94 पद भरे, 13 रिक्त)
सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में क्या है स्थिति?
राज्य में प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में फिजियोथेरेपिस्ट के कोई नियमित पद स्वीकृत नहीं हैं। हालांकि, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कुछ संविदा पदों को मंजूरी दी गई है।
क्या फिजियोथेरेपिस्ट अब ‘डॉ.’ लिख सकते हैं?
सरकार ने यह साफ किया है कि फिजियोथेरेपिस्ट को ‘डॉ.’ की उपाधि का उपयोग करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय से अनुमति लेनी होगी। यह कदम उनके पेशे की गरिमा को बनाए रखने और जनता में भ्रम से बचने के लिए उठाया गया है।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश सरकार ने फिजियोथेरेपिस्ट को ‘डॉक्टर’ के रूप में मान्यता देकर उनके पेशे की वैधता को मजबूत किया है। यह फैसला फिजियोथेरेपी के क्षेत्र में कार्यरत लोगों के लिए बड़ी राहत है और राज्य के चिकित्सा ढांचे को भी मजबूती प्रदान करेगा।
