मध्य प्रदेश में निवेश और रोजगार के नए अवसरों के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन साबित हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में आयोजित आठवीं ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) का उद्घाटन किया। दो दिवसीय इस समिट में 18,000 से अधिक प्रतिभागी और 133 अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। इसमें अदानी ग्रुप के गौतम अदानी, आदित्य बिड़ला ग्रुप के कुमार मंगलम बिड़ला और आईटीसी लिमिटेड के संजीव पुरी समेत देश-विदेश के 300 से अधिक शीर्ष उद्योगपति भाग ले रहे हैं।
मुख्य आकर्षण:
- अंतरराष्ट्रीय भागीदारी: जर्मनी, ब्रिटेन, जापान सहित 50 से अधिक देशों के निवेशकों ने शिरकत की।
- विभिन्न क्षेत्रीय सत्र: फार्मा, टेक्सटाइल, स्टार्टअप्स, ग्रीन एनर्जी और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष थीमेटिक सत्र आयोजित किए गए।
- राज्य की निवेश प्राथमिकताएं: मध्य प्रदेश सरकार ने निवेशकों के लिए 18 नई नीतियां लागू की हैं, जिनमें औद्योगिक विकास, स्टार्टअप्स, ड्रोन टेक्नोलॉजी और फिल्म निर्माण को बढ़ावा दिया जाएगा।
- प्रमुख परियोजनाएं: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार ने एक वर्ष पूर्व से ही इस समिट की तैयारियां शुरू की थीं, जिसमें मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु जैसे महानगरों में रोड-शो आयोजित किए गए थे।
मध्य प्रदेश की ताकत:
- लैंड बैंक: 43,000 एकड़ भूमि निवेश के लिए तैयार।
- औद्योगिक ढांचा: 123 इंडस्ट्रियल एरिया और 13 आधुनिक इंडस्ट्रियल पार्क।
- ऊर्जा और कृषि: देश का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक और प्रमुख कपास उत्पादक राज्य।
प्रमुख उद्योगपतियों की उपस्थिति:
समिट में अदानी ग्रुप के गौतम अदानी, आदित्य बिड़ला ग्रुप के कुमार मंगलम बिड़ला, गोदरेज समूह के नादिर गोदरेज, जेके टायर के रघुपति सिंघानिया और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज के सतीश पई जैसे दिग्गज उद्योगपतियों ने अपने विचार साझा किए।
उम्मीदों की उड़ान:
राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस समिट के जरिए निवेश के नए रिकॉर्ड स्थापित होंगे और लाखों रोजगार के अवसर पैदा होंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “मध्य प्रदेश देश की आर्थिक प्रगति में एक प्रमुख भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह तैयार है। निवेशकों के लिए यह राज्य संभावनाओं से भरा हुआ है।”
यह समिट मध्य प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य और सतत विकास की दिशा में एक मजबूत कदम है।
