दक्षिण अफ्रीका से 20 चीतों को लाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। इनमें 10 नर और 10 मादा चीतों को शामिल किया गया है। इन चीतों को भारत लाने के लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने में लगभग दो महीने का समय लगेगा।चीतों के आने के बाद उन्हें श्योपुर जिले के कूनो अभयारण्य और गांधी सागर अभयारण्य में छोड़ा जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि मध्य प्रदेश की आबोहवा और जैव विविधता चीतों के लिए अनुकूल साबित हो रही है।
पिछले साल कूनो में बसे 20 अफ्रीकी चीतों ने भी यहां के माहौल के साथ तालमेल बिठा लिया है। अब इस परियोजना के तहत 20 और नए चीतों के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।चीतों के लाने का उद्देश्य विलुप्त हो रही प्रजातियों के संरक्षण के साथ भारत में पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखना है। सरकार और विशेषज्ञों का प्रयास है कि यह परियोजना वन्यजीवन संरक्षण के क्षेत्र में एक मिसाल बने।
