मध्य प्रदेश में इन दिनों कई फर्जी पोर्टल्स के माध्यम से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं, जो पूरी तरह से अवैध और अस्वीकार्य हैं। राज्य के आयुक्त, आर्थिक और सांख्यिकी विभाग, ऋषि गर्ग ने इस बात की जानकारी दी है और स्पष्ट रूप से बताया है कि केवल सरकारी वेबसाइट [https://dc.crsorgi.gov.in/](https://dc.crsorgi.gov.in/) से ही वैध जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाए जाएं।
यदि कोई व्यक्ति इन फर्जी वेबसाइटों से प्रमाण पत्र बनवाने की कोशिश करता है, तो वह न केवल धोखाधड़ी के शिकार हो सकता है, बल्कि ऐसे प्रमाण पत्र किसी भी सरकारी योजना या जनकल्याणकारी कार्यक्रम में स्वीकार्य नहीं होंगे। इस संदर्भ में, विभाग ने नागरिकों को चेतावनी दी है कि किसी भी अन्य माध्यम से बने प्रमाण पत्रों से बचें, क्योंकि वे पूरी तरह से अवैध हैं।
यदि ऑनलाइन आवेदन में कठिनाई हो तो क्या करें?
ऋषि गर्ग ने यह भी बताया कि यदि किसी व्यक्ति को ऑनलाइन प्रमाण पत्र बनाने में परेशानी हो रही है, तो वह संबंधित पंजीयन इकाई से संपर्क कर सकता है। उदाहरण के तौर पर:
– *नगरीय इकाइयाँ*: यदि जन्म या मृत्यु किसी निजी अस्पताल में हुई है, तो संबंधित नगर निगम, नगर परिषद या नगर पंचायत में आवेदन करके प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा सकता है।
– *ग्रामीण क्षेत्रों*: यदि जन्म या मृत्यु गांव में हुई है, तो उस क्षेत्र की ग्राम पंचायत में आवेदन करने पर प्रमाण पत्र बनेगा।
– *छावनी बोर्ड और फैक्ट्रियाँ*: कुछ विशेष फैक्ट्रियाँ और छावनी बोर्ड जो पंजीयन इकाई के रूप में कार्य कर रहे हैं, वहां भी जन्म-मृत्यु पंजीकरण किया जा सकता है।
क्यों खतरनाक हैं फर्जी पोर्टल्स?
फर्जी वेबसाइटों से प्रमाण पत्र बनवाना न केवल कानूनी रूप से गलत है, बल्कि इससे नागरिकों को धोखाधड़ी का भी सामना करना पड़ सकता है। इन वेबसाइटों के जरिए प्राप्त प्रमाण पत्र किसी भी सरकारी सेवा या योजना में मान्यता प्राप्त नहीं होंगे और इससे व्यक्ति को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
इसलिए नागरिकों को यह सलाह दी जाती है कि वे किसी भी अन्य वेबसाइट पर जाने से बचें और केवल सरकारी पोर्टल का ही उपयोग करें।