मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अब 32,000 एकड़ सरकारी जमीन का एक लैंड बैंक तैयार किया गया है, जो प्रशासन और नागरिकों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा। इस पहल के तहत, 22,250 एकड़ भूमि ऐसे क्षेत्र में उपलब्ध है जहाँ एक एकड़ से अधिक भूमि पर कब्जा किया जा सकता है। इस लैंड बैंक के माध्यम से, अब सरकारी भूमि की जानकारी एक ही क्लिक में प्राप्त की जा सकेगी, जिससे सरकारी परियोजनाओं और औद्योगिक विकास में तेज़ी आएगी।
लैंड बैंक की प्रमुख विशेषताएँ
1. ऑनलाइन रिकार्ड और कलर कोडिंग: लैंड बैंक में सरकारी भूमि का पूरा रिकार्ड ऑनलाइन उपलब्ध है, जिसे कलर कोडिंग के द्वारा चिन्हित किया गया है। इस डिजिटल डेटाबेस में सभी भूमि के विवरण को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया गया है।
2. सॉफ्टवेयर का विकास: जिला ई-गवर्नेंस सोसायटी द्वारा विकसित एक सॉफ्टवेयर की मदद से इस लैंड बैंक का निर्माण किया गया है। पटवारी और राजस्व निरीक्षक (आरआई) ने अपने-अपने क्षेत्रों में मौजूद खाली सरकारी भूमि की जानकारी एक्सेल शीट में तैयार कर गूगल मैप से लिंक कर अपलोड की है, जिससे भूमि की स्थिति का सटीक विवरण मिल सके।
3. अवैध कब्जे से मुक्ति: भोपाल में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों की समस्या एक गंभीर मुद्दा थी, जिसमें कई बार झुग्गी माफिया और अन्य समूह पक्के निर्माण कर लेते थे। इस लैंड बैंक के माध्यम से अवैध कब्जों पर नजर रखना और उन्हें हटाना अब आसान होगा, क्योंकि इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सारी जानकारी उपलब्ध होगी।
4. समय की बचत और पारदर्शिता: पहले सरकारी जमीन के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए विभिन्न विभागों से सर्वेक्षण कराया जाता था, जो समय की बर्बादी और जटिलताओं का कारण बनता था। अब इस लैंड बैंक के जरिए यह सब एक क्लिक में उपलब्ध होगा, जिससे सरकारी परियोजनाओं को गति मिलेगी और भूमि से संबंधित विवादों का समाधान जल्द होगा।
कैसे हुई यह पहल?
यह लैंड बैंक बनाने की शुरुआत तब हुई जब मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव ने तत्कालीन कलेक्टर से सरकारी जमीनों की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी थी। जब यह जानकारी तुरंत उपलब्ध नहीं हो पाई, तो कलेक्टर ने ऑनलाइन लैंड बैंक बनाने का निर्देश दिया। इसके बाद दूसरे ही दिन एक एप्लिकेशन बनाकर जमीनों की जानकारी जुटाने का कार्य शुरू किया गया, जो अब पूरी तरह से ऑनलाइन उपलब्ध है।
भविष्य में और सुविधाएँ
इस लैंड बैंक का उद्देश्य न केवल सरकारी भूमि के उपयोग में पारदर्शिता लाना है, बल्कि सरकारी परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण में भी तेज़ी लाना है। भविष्य में यह सिस्टम और भी सुविधाओं के साथ अपडेट होगा, जिससे न केवल भूमि प्रबंधन में सुधार होगा, बल्कि सरकारी प्रोजेक्ट्स को भी समय पर पूरा करने में मदद मिलेगी।भोपाल का यह लैंड बैंक मध्य प्रदेश सरकार की डिजिटल पहल की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल सरकारी कामकाजी प्रक्रियाओं को आसान बनाएगा, बल्कि नागरिकों और व्यवसायों को भी सरकारी भूमि से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराएगा।