भोपाल को मिलेगा देश का पहला बेल्जियम ग्लास एक्वापार्क रिसर्च सेंटर, 40 करोड़ की परियोजना से मछली पालन और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

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राजधानी भोपाल के भदभदा रोड पर देश का पहला बेल्जियम ग्लास एक्वापार्क रिसर्च सेंटर बनने जा रहा है। करीब 40 करोड़ रुपये की लागत से बन रही यह परियोजना न सिर्फ मध्यप्रदेश में मत्स्य उद्योग को नई दिशा देगी, बल्कि युवाओं के लिए प्रशिक्षण और रोजगार के नए द्वार भी खोलेगी।

यह देश का पहला ऐसा एक्वेरियम होगा, जिसे बेल्जियम ग्लास से बनी सुरंगनुमा संरचना में विकसित किया जाएगा। यहां पर्यटक रंग-बिरंगी मछलियों को पानी के भीतर से चलते हुए देख सकेंगे। इससे भोपाल को पर्यटन के वैश्विक नक्शे पर लाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

प्रमुख विशेषताएं:

  • परियोजना में रिसर्च लैब, ट्रेनिंग सेंटर, संवाद हॉल और मछली प्रदर्शनी हॉल जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी।
  • मछली पालकों को वैज्ञानिक सलाह, नई तकनीकों की जानकारी और गुणवत्ता सुधार के उपाय मिलेंगे।
  • शोधकर्ता जलवायु परिवर्तन और मछली प्रजातियों पर विस्तृत अध्ययन कर सकेंगे।
  • निर्माण कार्य वर्ष 2026 तक पूरा होने की संभावना है।

मध्यप्रदेश मत्स्य संचालनालय की एमडी निधि निवेदिता ने बताया कि यह रिसर्च सेंटर राज्य के मत्स्य व्यवसायियों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। यह परियोजना न केवल स्थानीय उत्पादन को वैज्ञानिक आधार देगी, बल्कि युवाओं को प्रशिक्षण और स्वरोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगी। साथ ही, यह स्थान देशभर के पर्यटकों को आकर्षित करेगा।

Pooja upadhyay
Author: Pooja upadhyay

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