करोंद चौराहा से पुल बोगदा तक ट्रैक 2028 तक होगा तैयार
भोपाल और इंदौर समेत मध्यप्रदेश के अन्य प्रमुख शहरों में चल रही मेट्रो परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि मेट्रो निर्माण कार्य निर्धारित समयसीमा में और बेहतरीन गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए। उन्होंने विभागों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए कहा कि किसी भी स्तर पर देरी या बाधा स्वीकार नहीं की जाएगी।
भोपाल मेट्रो परियोजना – तीन चरणों में निर्माण
भोपाल मेट्रो को नवंबर 2018 में मंजूरी मिली थी। कुल 30 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर 30 स्टेशन प्रस्तावित हैं, जिनमें से दो भूमिगत होंगे। परियोजना की अनुमानित लागत करीब 10,033 करोड़ रुपये है।
- पहला चरण: पुल बोगदा से एम्स तक 7 किमी का ट्रैक अगस्त 2025 तक तैयार किया जाएगा।
- दूसरा चरण: करोंद चौराहा से पुल बोगदा तक 9 किमी का ट्रैक
- तीसरा चरण: भदभदा से रत्नागिरी तिराहा तक 14.16 किमी ट्रैक जून 2028 तक पूरा होगा।
प्रारंभ में 3-डिब्बों वाली 27 ट्रेनें चलाई जाएंगी, जिन्हें भविष्य में 6-डिब्बों तक बढ़ाया जाएगा।
इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट – 2028 तक तीन फेज में पूरा होगा काम
इंदौर मेट्रो को भी नवंबर 2018 में स्वीकृति मिली थी। इस परियोजना की कुल लंबाई 31 किमी से अधिक है, जिसमें 28 स्टेशन (7 भूमिगत सहित) बनाए जाएंगे। कुल अनुमानित लागत 12,088 करोड़ रुपये है।
- पहला फेज: गांधीनगर से सुपर कॉरिडोर तक 6.3 किमी का ट्रैक, 31 मई 2025 को उद्घाटन हुआ।
- रीच-2: सुपर कॉरिडोर से मालवीय नगर – अक्टूबर 2025 तक
- रीच-3: मालवीय नगर से पलासिया – दिसंबर 2027 तक
- फेज-3: पलासिया से गांधीनगर भूमिगत ट्रैक – दिसंबर 2028 तक
अन्य शहरों में भी मेट्रो की तैयारी
समीक्षा बैठक में ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर शहरों की मेट्रो योजनाओं पर भी चर्चा हुई।
- इन शहरों के लिए व्यापक गतिशीलता योजना (CMP) और वैकल्पिक विश्लेषण रिपोर्ट (AAR) तैयार कर हितधारकों को प्रस्तुत की जा रही है।
- राज्य शासन की मंजूरी के बाद डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जाएगी।
इस महत्वपूर्ण बैठक में नगरीय प्रशासन मंत्री प्रतिमा बागरी, मुख्य सचिव अनुराग जैन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
