बांग्लादेश के एक विशेष ट्रिब्यूनल ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराधों में दोषी ठहराते हुए मौत की सज़ा सुनाई है। यह फैसला पिछले साल हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों और उनसे जुड़े आरोपों की सुनवाई के बाद आया है।
शेख हसीना ने पहले ही इस तरह के निर्णय की आशंका व्यक्त की थी और इस फैसले को पक्षपातपूर्ण तथा राजनीतिक बताया है। विरोध प्रदर्शनों के बाद वह देश छोड़कर भारत आ गई थीं और तब से यहीं रह रही हैं। उनके जाने के बाद अंतरिम सरकार का नेतृत्व मोहम्मद यूनुस कर रहे हैं।
इस फैसले पर भारत ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उसने इस निर्णय पर ध्यान दिया है और वह बांग्लादेश में शांति, लोकतंत्र और स्थिरता को प्राथमिकता देते हुए सभी पक्षों के साथ रचनात्मक संवाद जारी रखेगा। भारत ने यह भी दोहराया कि वह बांग्लादेश के लोगों के सर्वोत्तम हितों के लिए प्रतिबद्ध है।








