भारत को F-35 बेचने की पेशकश, लेकिन क्या यह डील संभव होगी? जानिए पूरी कहानी

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

अमेरिका ने भारत को दुनिया का सबसे घातक लड़ाकू विमान F-35 बेचने की पेशकश की है। इस ऐलान ने रक्षा विशेषज्ञों और वैश्विक राजनीति के जानकारों का ध्यान खींचा है। हालांकि, इस डील पर कई अड़चनें भी हैं, जो इसे मुश्किल बना सकती हैं।अमेरिका भारत के साथ अपने सैन्य व्यापार को बढ़ाना चाहता है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका, भारत को कई अरब डॉलर के सैन्य उपकरण बेचेगा, जिसमें F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट भी शामिल हो सकता है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार घाटा भी कम होगा।

रूस और चीन की बढ़ती ताकत चिंता का विषय

भारत अपनी वायुसेना को आधुनिक बनाने के लिए पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की ओर बढ़ रहा है। रूस पहले ही Sukhoi Su-57 और चीन J-20 व J-35 स्टेल्थ फाइटर जेट को विकसित कर चुका है। ऐसे में अमेरिका नहीं चाहता कि भारत रूस या किसी और देश से उन्नत तकनीक खरीदे।

क्या यह डील भारत के लिए फायदेमंद होगी?

F-35 की खासियतें:

  • हवा, जमीन और समुद्र तीनों जगहों पर लड़ने में सक्षम
  • स्टेल्थ तकनीक से लैस, जिसे रडार पकड़ नहीं सकता
  • 2,200 किमी तक की उड़ान क्षमता

एडवांस इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम से लैस

हालांकि, यह विमान बेहद महंगा है। इसकी कीमत $80-115 मिलियन (लगभग 6,500-9,500 करोड़ रुपये) प्रति यूनिट है, और संचालन खर्च भी बहुत अधिक है।

डील में अड़चनें: भारत क्या खरीदेगा?

भारत अपने स्वदेशी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहा है और रूस व फ्रांस इसके लिए तकनीकी सहयोग दे रहे हैं। इसके अलावा, अमेरिका शायद तकनीक ट्रांसफर न करे, जिससे भारत अपने खुद के लड़ाकू विमान विकसित करने की योजना पर ध्यान केंद्रित कर सकता है।क्या भारत अमेरिका से F-35 खरीदेगा या स्वदेशी तकनीक पर भरोसा करेगा? यह फैसला आने वाले समय में रणनीतिक रूप से बेहद अहम होगा।

Pooja upadhyay
Author: Pooja upadhyay

Leave a Comment

और पढ़ें