बहुमुखी प्रतिभा की धनी प्रिया उपाध्याय बनीं रतलाम की सांस्कृतिक पहचान

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रतलाम । सिंघम रिपोर्टर 

प्रिया उपाध्याय रतलाम की एक बहुमुखी प्रतिभा हैं, जो युवा रचनाकार, आशु कवियित्री, गीतकार, ग़ज़ल गायिका, हारमोनियम वादक, कत्थक नृत्यांगना और मूर्तिकार के रूप में दिन प्रतिदिन लोकप्रिय हो रही हैं। मां सरस्वती की कृपा से उन्हें कला और साहित्य के विविध रूपों में पारंगतता प्राप्त है। उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में एम.ए. तथा विक्रम और अहिल्या विश्वविद्यालय से संगीत में डबल एम.ए. किया है। एक ही दिन में 70 कविताएं लिखने का रिकॉर्ड ‘नोबेल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में और शिव तांडव का पाठ 1 मिनट 37 सेकंड में कर ‘लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में नाम दर्ज करवा चुकी हैं। अध्यात्म में गहरी रुचि रखने वाली प्रिया उपाध्याय सुंदरकांड कंठस्थ रखती हैं, रामचरितमानस का अध्ययन करती हैं और गीता पर शोधरत हैं। तुलसीदास जी को अपना आदर्श मानने वाली प्रिया को लेखन की प्रेरणा अपने पिता श्री गोपाल उपाध्याय से मिली, और आज वे रतलाम की सांस्कृतिक, लेखन और काव्य पाठ क्षेत्र में पहचान बन चुकी हैं।

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Author: SinghamTimes

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