बस स्टैंड की धर्मशाला पहले शॉपिंग सेंटर, अब बनी गौशाला 

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अतिक्रमण हटाने में असफल रही नगर पालिका, अध्यक्ष की खामोशी चिंताजनक

मनावर : (सिंघम रिपोर्टर) मनावर नगर की प्रमुख समस्याओं में एक समस्या अतिक्रमण भी है, नगर के बीचों-बीच गांधी चौराहे से लेकर मेन बाजार, धार रोड, बस स्टैंड, सिंघाना रोड और इंदौर रोड की ओर जाने वाले सभी मार्ग अतिक्रमण से चौक हो चुके हैं। यहां तक की बड़े वाहनों को निकालने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है, साथ ही दुर्घटना का डर भी हमेशा बना रहता है। ऐसी ही एक दुर्घटना में कुछ दिन पहले गांधी चौराहे पर एक ट्रेलर की चपेट में आ जाने से मजदूर ने अपना पैर गवा दिया और लगातार ऐसे हादसों का डर नगरवासियों में बना रहता है।

नगर के बीचो-बीच हाथ ठेला गाड़ी व्यापारियों ने चारों अतिक्रमण कर रखा है, वही दुकानदारों ने अपनी सीमा से अधिक जगह घेर कर अतिक्रमण किया, अतिक्रमणकारियों ने बस स्टैंड और गांधी चौराहे को भी नहीं छोड़ा, गांधी चौराहे के आसपास भी गाड़ी निकलने मात्र रास्ता छोड़कर सभी जगह घेर रखी है। ऐसे में दुर्घटना होने पर शत प्रतिशत वाहन चालकों की गलती मानना भी कहीं ना कहीं गलत साबित होगा। यह नजारा रोज नगर पालिका और अध्यक्ष को दिखाई दे रहा है लेकिन इस पूरे कार्यकाल में अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। बल्कि दिन प्रतिदिन अतिक्रमण बढ़ते ही जा रहा है।

अतिक्रमण को लेकर विचार विमर्श भी किया जाता है, जिसमें ऐसा प्रतीक होता है कि अतिक्रमण हटाने के लिए अगर दबाव डाला जाता है तो कहीं ना कहीं नगर पालिका अध्यक्ष को अपना वोट बैंक कम हो जाने का डर सता रहा है? अगर ऐसा नहीं है तो जनहित में नगर पालिका अध्यक्ष ने परिषद में बैठकर उचित निर्णय लेते हुए तत्काल प्रभाव से नगर को अतिक्रमण मुक्त कर उचित समाधान करना चाहिए। अन्य जिलों के छोटे-छोटे गांव भी अपनी योग्यता से आगे बढ़ते चले जा रहे हैं लेकिन मनावर जैसा नगर इन कमियों से पिछड़ते जा रहा है। क्योंकि जिन मार्गो से लगातार यातायात गुजरता है उन मार्गों पर किसी भी हालत में कोई अतिक्रमण नहीं होना चाहिए, खासकर उन चौराहों पर जहां पर आवागमन अत्यधिक रहता है।

बस स्टैंड बनी गौशाला

मनावर का बस स्टैंड क्षेत्रफल में काफी बड़ा है लेकिन उसे व्यावसायिक बाजार बना दिया गया है? बस स्टैंड के अंदर सभी दुकानों के बाहर अतिक्रमण पुरजोर पर है और तो और जिस उद्देश्य से बस स्टैंड बनाया गया उन बसों को ही निकलने में काफी मुश्किल का सामना करना पड़ता है। बस स्टैंड के अंदर एक धर्मशाला भी है, जो खाने में तो धर्मशाला है लेकिन देखने में शॉपिंग मॉल दिखाई देता है। जबकि वह यात्रियों के बैठने उठने और प्रतीक्षालय के रूप में उपयोग किया जाना था। साथ ही उसमें अब गाय, बैल और पालतू जानवर भी घूमते हैं जिससे उनके द्वारा की गई गंदगी के बीच यात्री बैठने उठने को मजबूर है। नगर पालिका पालतू जानवरों को पकड़ कर दूर दराज छोड़कर आती है लेकिन कुछ ही दिन में यह दोबारा इकट्ठे होकर नगर के बीच घूमते दिखाई देते हैं। नगर पालिका ने बस स्टैंड के अंदर लगने वाली समस्त स्थाई दुकानों के अलावा अस्थाई दुकान को हटाकर पूर्ण रूप से बसों के लिए उपयोग किए जाने वाले बस स्टैंड को अतिक्रमण मुक्त कर देना चाहिए। और स्थाई दुकानों को भी अपनी सीमा से बाहर सामान ना जमाने के लिए सख्त चेतावनी देना चाहिए।

बाईपास न बनने तक सड़कों और सोल्डर का हो सीमांकन

मनावर नगर के लिए लंबे समय से बाईपास रिंग रोड की मांग की जा रही है लेकिन सरकार की खामोशी चिंताजनक है, बाईपास न बनने तक सड़कों और सोल्डर का सीमांकन किया जाना चाहिए, वही दुकानदारों को उक्त सीमा को पार न करने की चेतावनी देते हुए चालानी कार्रवाई करना चाहिए ताकि नगर में यातायात सुचारू रूप संचालित किया जा सके। नगर में सड़के तो पर्याप्त चौड़ी है जिससे वर्तमान गुजरने वाला यातायात निकाला जा सकता है लेकिन अतिक्रमण की वजह से यह सब चौपट हो रहा। खासकर जब नगर पालिका अध्यक्ष खामोश है तो यह खामोशी नगर वासियों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।

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