बदहाल हो रहा है टोल रोड : केंद्रीय मंत्री ठाकुर के आदेश को भी किया नज़रअंदाज

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मनावर : (विशेष प्रतिनिधि) वर्षा ऋतु का दौर जाने के साथ-साथ क्षेत्र की छोटी-बड़ी सभी सड़कों के हाल अब बे-हाल होने लगे है। जल्द ही क्षेत्र की सड़कों के संबंधित ठेकेदार और विभागों द्वारा समस्त रोड की मरम्मत और सुधार कार्य शुरू करने की आवश्यकता है। क्षेत्र में स्टेट हाईवे, पीडब्ल्यूडी की सड़के, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की सड़के सहित अन्य विभागों की सम्मिलित सड़क मार्ग है। बारिश में पानी के कारण सड़क टूट जाती है इसीलिए सरकार ने आम नागरिकों की सुरक्षा और सड़कों के रख रखाव के लिए वर्षा ऋतु से पहले मौसम खत्म होने के बाद सड़क मरम्मत करने नियम बना रखे है।

नगर के गांधी चौराहे से कुक्षी मार्ग टोल रोड होने के बावजूद भी मूलभूत सुविधाए देने में असमर्थ हो रहा है। इस मार्ग पर गांधी चौराहे से करीब 500 मीटर दूर ही मृत्युंजय होटल के सामने कई महीनो से सड़क टूटी हुई होकर क्षतिग्रस्त है जो एक अत्यंत पुराने पुलिया से जुड़ी हुई है। सड़क मार्ग के दोनों छोर पर रहवासी एरिया और दुकानें संचालित हो रही है ऐसे में मुख्य मार्ग होने कारण इस मार्ग पर यातायात का अत्यंत दबाव रहता है टूटी सड़क के कारण वाहनों को गुजरने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। और तो और वाहनों के पहिए से सड़क पर निकली हुई गिट्टी उड़कर दुकानदारों की दुकानों और घरों की ओर तेज बंदूक की गोली की तरह जाती है जिससे चोट लगने और दुकानों के शीशे टूटने का डर बना रहता है।

यही हाल इस सड़क मार्ग पर मनावर से कुक्षी तक कई हिस्सों में देखने को मिल सकता है। टोल प्लाजा संचालक अग्रोहा इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा समय के रहते सड़क की मरम्मत नहीं की जा रही है जिससे टोल कंपनी पर कई सालों से उंगलियां उठ रही है। पूर्व में नियम के विरुद्ध टोल प्लाजा संचालित करने के संबंध में क्षेत्रीय विधायक डॉक्टर हीरालाल अलावा ने संबंधित अधिकारी और कलेक्टर को पत्र लिखा था जिसके बाद कुछ समय तक कुछ नियमों का पालन किया गया, लेकिन समय के रहते कंपनी फिर से लापरवाह हो गई। कुछ दिन पहले सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर भी इस मार्ग पर रुक कर उक्त समस्या जानने के बाद संबंधित विभाग के अधिकारी को ठेकेदार द्वारा जल्द ही सड़क मार्ग पर मरम्मत कार्य करने के आदेश दिए थे। बावजूद टोल कंपनी ने अभी तक सुधार कार्य शुरू नहीं किए है।

इसके अतिरिक्त टोल पर भी कई अनियमिता देखने को मिल रही है, जैसे टोल पर एक सर्व सुविधा युक्त एंबुलेंस हर वक्त उपलब्ध होना चाहिए लेकिन कई वर्षों से देखने को मिल रहा है कि उक्त टोल प्लाजा पर एक मारुति वैन एंबुलेंस के रूप में सेवा दे रही है जिसमें ना तो ऑक्सीजन का सिलेंडर उपलब्ध रहता है ना ही कोई खास सुविधाएं जिससे मरीज या दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति का प्रथम उपचार किया जा सके। वही टोल रोड पर एक क्रेन का भी होना अति आवश्यक है जो सड़क पर दुर्घटना हुई वाहनों को हटाने का काम करती है। यात्रियों के लिए प्रतीक्षालय, सुलभ शौचालय, पीने के पानी की उत्तम व्यवस्था, सड़कों का समय पर रखरखाव और मरम्मत तथा साइड शोल्डर का पर्याप्त मात्रा में चौड़ा होना आदि ऐसे कई नियम है जिसका पालन करना सड़क सुरक्षा अधिनियम के तहत जरूरी है लेकिन टोल संचालक नियमों को ताक में रखकर केंद्रीय मंत्री के भी आदेश का उल्लंघन करते नजर आ रहे हैं।

पूर्व सांसद ने कहा

धार जिले के पूर्व सांसद छतरसिंह दरबार में उक्त मामले को लेकर कहा कि कंपनियां सरकार के अधीन टेंडर लेकर सड़क पर कर वसूलने का काम करती है बदले में उन्हें सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए टोल प्लाजा संचालित करना होता है। अगर कंपनियां जनहित में आम नागरिकों की सुविधा सुरक्षा को देखते हुए टोल संचालित नहीं करती है तो हम ऐसी कंपनी के टेंडर को निरस्त करने की मांग करेंगे।

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