जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को एक महीना बीत चुका है। इस हमले के बाद देश की सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। खुफिया एजेंसियों ने कई ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है जो पाकिस्तान की खुफिया संस्था आईएसआई के लिए जासूसी कर रहे थे, जिनमें एक प्रसिद्ध यूट्यूबर भी शामिल है। सुरक्षा कारणों से अब देश में निगरानी (सर्विलांस) और भी सख्त कर दी गई है।
अगर आप फोन पर बातचीत के दौरान कुछ विशेष शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, तो आपकी गतिविधियां भी एजेंसियों के रडार पर आ सकती हैं। आइए जानते हैं उन शब्दों के बारे में जिनका इस्तेमाल आपको टालना चाहिए।
फोन पर किन शब्दों से बचें?
अगर आप फोन कॉल या मैसेज में आतंकवाद, हिंसा या देश विरोधी शब्दों का प्रयोग करते हैं, तो आपको परेशानी हो सकती है। इस दौर में इंटेलिजेंस ब्यूरो, नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी और साइबर क्राइम सेल जैसी एजेंसियां आम लोगों की फोन कॉल्स और इंटरनेट ट्रैफिक पर नजर रख रही हैं।
खासकर ‘हैकिंग’, ‘ब्लास्ट’, ‘आरडीएक्स’, ‘अटैक’, ‘बम’ जैसे शब्दों का बार-बार प्रयोग करना सुरक्षा एजेंसियों को संदिग्ध लगता है और ऐसे लोगों को रडार पर रखा जाता है।
क्या गिरफ्तारी हो सकती है?
यदि आप सामान्य बातचीत में मजाक के तौर पर कभी-कभार ऐसे शब्द बोलते हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं। लेकिन यदि बार-बार किसी खास संदर्भ में ये शब्द उपयोग करते हैं, तो खुफिया एजेंसियां आपकी निगरानी कर सकती हैं और पूछताछ भी हो सकती है।
सरकार ने साफ किया है कि आम नागरिकों की प्राइवेसी का पूरा सम्मान किया जाएगा, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होने पर निगरानी की अनुमति है। ऐसे मामलों में सीधे गिरफ्तारी के प्रावधान नहीं हैं, लेकिन संदिग्ध गतिविधि पर कार्रवाई हो सकती है।
