वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज की रात्रिकालीन पद यात्रा पर उठे विवाद के बीच बागेश्वर बाबा (पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री) ने कड़ा रुख अपनाया है। बाबा ने उन लोगों पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जिनके पेट में दर्द है, वे वृंदावन छोड़कर दिल्ली चले जाएँ, क्योंकि यहाँ सिर्फ राधे-राधे का माहौल है। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में चेतावनी दी कि विरोध करने वालों की ‘ठठरी बांधकर’ दम तोड़ दी जाएगी। यदि जरूरत पड़ी, तो स्वयं बाबा वृंदावन जाकर प्रेमानंद महाराज से यात्रा फिर से प्रारंभ करने की प्रार्थना भी करेंगे।
इस विवाद के साथ ही बागेश्वर धाम में महाशिवरात्रि के अवसर पर एक भव्य कन्या विवाह समारोह का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कुल 251 कन्याओं का विवाह कराया जाएगा। चुनी गई कन्याओं में 108 आदिवासी, 143 अन्य समाजों की और कुछ अनाथ, पितृहीन, मातृहीन तथा दिव्यांग कन्याएँ शामिल हैं। इस आयोजन के लिए 1000 से अधिक आवेदनों में से 60 सदस्यों की टीम ने एक महीने तक लगभग 22 से 24 हजार किलोमीटर की यात्रा करते हुए ग्रामीण, पड़ोसी और जनप्रतिनिधियों से बातचीत करके मानदंड तय किए और उपयुक्त कन्याओं का चयन किया।
बागेश्वर बाबा ने आगे कहा कि मंदिरों में हिंदू श्रद्धालुओं द्वारा दान की जाने वाली करोड़ों रुपये की राशि का उपयोग हिंदू बेटियों के घर बसाने में किया जाना चाहिए, और इसी क्रम में उन्होंने सरकार से मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग भी उठाई। इस विवादित मुद्दे पर अब आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।
