दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू होने के बावजूद प्रदूषण की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है। शनिवार को भी दिल्ली की हवा बेहद खराब श्रेणी में रही, और आसपास के इलाकों में गंभीर वायु गुणवत्ता की स्थिति बनी रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 370 पर पहुंच गया, जो कि खतरनाक स्तर पर है। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्रदूषण नियंत्रण के बावजूद सुधार नहीं हो पाया है, और स्थिति की गंभीरता बरकरार है।शुक्रवार को हवा उत्तर-पश्चिम दिशा से बह रही थी, जिसकी गति लगभग 8 किलोमीटर प्रति घंटे थी। इससे कुछ समय के लिए प्रदूषण की स्थिति में थोड़ी कमी आई, लेकिन शनिवार को फिर से हवा की गति धीमी होकर 4 किलोमीटर प्रति घंटे हो गई। इसका असर यह पड़ा कि प्रदूषक कण फिर से वातावरण में मिल गए। इस दौरान आसमान में स्मॉग की मोटी चादर फैली रही, जिससे नागरिकों को स्वच्छ हवा में सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण फैलने के कारण मौसम की स्थितियां बेहद प्रतिकूल हैं, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं हो पा रहा है। आगामी रविवार और सोमवार में भी स्थिति बिगड़ने की संभावना जताई जा रही है, क्योंकि हवा दक्षिण-पूर्व और पश्चिम दिशा से चलेगी, जो हवा की गति को और धीमा कर सकती है।दिल्ली के विभिन्न इलाकों में अत्यधिक प्रदूषण के स्तर के चलते निवासियों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सर्दी का मौसम और बढ़ता हुआ कोहरा इस समस्या को और बढ़ा रहे हैं। सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के कई प्रमुख क्षेत्रों जैसे नेहरू नगर, रोहिणी, और बावाना में वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में रही।इसके अतिरिक्त, नोएडा, गाजियाबाद, और गुरुग्राम जैसे एनसीआर के शहरों की हालत भी बेहतर नहीं रही है। आंकड़े बताते हैं कि इन इलाकों में भी हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में रही, जिससे रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।इस समय प्रशासन प्रदूषण फैलाने वाले प्रमुख कारणों का समाधान करने के लिए प्रयास कर रहा है, लेकिन मौसम की प्रतिकूल स्थितियों के कारण बदलाव देखना काफी मुश्किल हो रहा है।