पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने की प्रक्रिया शुरू

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पीथमपुर में आज से यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह कचरा 900 से 1200 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान पर जलाया जा रहा है, और इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

दो महीने से पीथमपुर स्थित रि-सस्टेनेबिलिटी कंपनी (पूर्व में रामकी) के परिसर में 337 टन कचरा, जो भोपाल से लाया गया था, 12 कंटेनरों में रखा गया था। इस कचरे को जलाने की प्रक्रिया 27 फरवरी को दोपहर 3 बजे से शुरू हो गई, जो अब 74 घंटे तक चलेगी। अगले दो सप्ताह में 30 टन कचरे को अलग-अलग मात्रा में जलाया जाएगा।

इस प्रक्रिया के प्रभाव की रिपोर्ट 27 मार्च तक हाई कोर्ट को दी जाएगी। वर्ष 2015 में भी पीथमपुर के इस संयंत्र में 10 टन जहरीला कचरा जलाकर ट्रायल रन किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने कचरे को जलाने का निर्णय लिया है।

पीथमपुर रामकी परिसर के बाहर अभी भी पुलिस बल तैनात है और क्षेत्र में शांति बनी हुई है। एसडीएम, तहसीलदार, एमपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी, पीथमपुर NPA CMO और एसपी शशिकांत कनकने रामकी कंपनी में मौजूद हैं।

ड्राई रन और प्रक्रिया की शुरुआत

गुरुवार दोपहर 3 से 4 बजे के बीच 5 कंटेनरों को खोला गया और रात को इंसीनेटर का ड्राई रन शुरू किया गया। इस दौरान संयंत्र के पहले दहन कक्ष का तापमान 850 से 900 डिग्री सेल्सियस और दूसरे दहन कक्ष का तापमान 1100 से 1200 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचाया गया। इसके बाद कचरे को भस्मक संयंत्र में डाला गया।

सुप्रीम कोर्ट की रोक नहीं

यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा अब पीथमपुर में ही जलाया जाएगा, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता चाहें, तो इस संबंध में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार के उस जवाब को भी स्वीकार किया है, जिसमें कहा गया था कि कचरा जलाने के दौरान सभी नियमों का पालन किया जाएगा और इस प्रक्रिया में सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए हैं।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

पीथमपुर में कचरा जलाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इसके लिए पूरी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। सामाजिक कार्यकर्ता चिन्मय मिश्र ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि पर्यावरण और स्वास्थ्य के नियमों का पालन किए बिना जहरीला कचरा जलाने की तैयारी की गई है।

17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से यह पूछा था कि अगर कचरा जलाने के दौरान कोई हादसा होता है, तो उससे निपटने के लिए सरकार के पास क्या इंतजाम हैं। सरकार ने इसका जवाब पेश किया, जिसे कोर्ट ने रिकॉर्ड पर लिया और याचिका को निस्तारित कर दिया।

Soniya upadhyay
Author: Soniya upadhyay

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