पीथमपुर में जहरीले कचरे के निस्तारण पर अहम सुनवाई

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यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निस्तारण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 27 फरवरी को सुनवाई होगी। इस मामले में दायर जनहित याचिका में हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर प्राथमिकता से सुनवाई करने का निर्णय लिया है, जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि अदालत कोई अंतरिम आदेश जारी कर सकती है।

### **जनहित याचिका और याचिकाकर्ता की दलीलें**
यह याचिका समाजसेवी चिन्मय मिश्रा ने दायर की है, जिन्होंने हाईकोर्ट के 3 दिसंबर के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि बिना उचित वैज्ञानिक अध्ययन के जहरीले कचरे को जलाने से पीथमपुर और आसपास के क्षेत्रों में गंभीर पर्यावरणीय खतरा पैदा हो सकता है। उनके अधिवक्ता रितम खरे के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट इस मामले को प्राथमिकता से देख रहा है और 27 फरवरी को इसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

### **सुनवाई में देरी और संभावित असर**
पहले यह सुनवाई 24 फरवरी को होनी थी, लेकिन किसी कारणवश टल गई। यदि सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के आदेश पर रोक नहीं लगाता, तो 27 फरवरी से पीथमपुर स्थित रामकी संयंत्र में जहरीले कचरे को जलाने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।

### **राजनीतिक बयानबाजी तेज हुई**
इस मामले को लेकर राजनीति भी गरमा गई है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और कांग्रेस कमेटी प्रभारी हरीश चौधरी पीथमपुर पहुंचे और भाजपा सरकार पर निशाना साधा। पटवारी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार कानूनी प्रक्रिया का सहारा लेकर भोपाल गैस त्रासदी के जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलाने की साजिश कर रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चुनौती दी कि वे इलाके के पानी की सैंपलिंग करवाएं, जिससे जल प्रदूषण की सच्चाई सामने आ सके।

### **”बीजेपी ने इंदौर और पीथमपुर को जहरीला कचरा दिया” – कांग्रेस**
पटवारी ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि इंदौर और पीथमपुर की जनता ने भाजपा को समर्थन दिया, लेकिन बदले में उन्हें जहरीला कचरा दिया जा रहा है। उन्होंने इस फैसले का विरोध किया और इसे आम जनता के लिए बड़ा खतरा बताया।

### **सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी निगाहें**
27 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। यदि अदालत हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाती है, तो यह स्थानीय जनता और पर्यावरण के लिए राहत की बात होगी। लेकिन यदि रोक नहीं लगती, तो पीथमपुर में जहरीले कचरे को जलाया जाना तय है, जिससे पर्यावरण और जनस्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

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Author: SinghamTimes

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