मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में किसानों की समस्याएं थमने का नाम नहीं ले रहीं। आंधी, तूफान, ओलावृष्टि, और पाले की मार झेलने के बाद अब नीलगायों के झुंड ने किसानों की फसलों को नष्ट कर उन्हें संकट में डाल दिया है। खेत-खलिहान उजड़ने से किसान परेशान हैं।रतलाम के कई इलाकों में सैकड़ों की संख्या में नीलगाय खेतों में घूमकर फसलें बर्बाद कर रही हैं। किसान मूंगफली, मक्का, और तुअर जैसी कई फसलों की बुआई तक बंद करने पर मजबूर हो गए हैं।
नीलगायों से बचने के जुगाड़ और विफलता
कुछ संपन्न किसानों ने लोहे की ऊंची जालियां लगाकर इन जानवरों को रोकने की कोशिश की, लेकिन नीलगाय या तो उन जालियों को तोड़ देती हैं या कूदकर आगे निकल जाती हैं। आर्थिक रूप से कमजोर किसान केवल अपनी फसलें नष्ट होते देखने पर मजबूर हैं।एक स्थानीय किसान ने बताया कि कुछ किसानों ने झटका मशीन का प्रयोग करना शुरू कर दिया है। यह मशीन खेतों के चारों ओर करंट वाला तार लगाकर नीलगायों को दूर रखती है। हालांकि, यह भी कोई स्थायी समाधान नहीं है।
वन विभाग का नजरिया और सुझाव
वन विभाग के डीएफओ नरेश कुमार दोहरे के मुताबिक, नीलगायों को नियंत्रित करने के लिए पहले मारने का प्रावधान था, लेकिन इसे अमल में नहीं लाया जा सका। अब किसानों से आग्रह किया गया है कि वे नष्ट हुई फसलों का मुआवजा लेने के लिए एसडीएम कार्यालय में आवेदन करें।
नीलगायों से खेतों को बचाने के लिए यह समस्या बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है। फिलहाल, सरकार को इसे हल करने के लिए दीर्घकालिक उपायों पर ध्यान देना होगा ताकि किसानों को राहत मिल सके।
