आगरा के दवा माफिया विजय गोयल की फैक्टरी से बरामद नकली दवाओं पर जांच तेजी पकड़ रही है। जब्त की गई दवाओं के लेबल पर गुजरात और उत्तराखंड की तीन कंपनियों के नाम पाए गए हैं, जिन्हें लेकर औषधि विभाग की टीमें इन राज्यों में जांच करेंगी।
कहां से आई नकली दवाइयों की कड़ी
दवा माफिया विजय गोयल अपनी अवैध फैक्टरी में गुजरात और उत्तराखंड की कंपनियों के नाम पर नकली दवाएं बना रहा था। लैब परीक्षण में ये दवाएं नकली साबित हुई हैं। इनमें गुजरात के अंकलेश्वर की “वीके लाइफ साइंस” और उत्तराखंड के हरिद्वार की “प्योर एंड क्योर” कंपनियों के नाम दर्ज पाए गए हैं।
टीम करेगी कंपनियों का निरीक्षण
सहायक आयुक्त औषधि, अतुल उपाध्याय ने बताया कि इन कंपनियों की फैक्ट्रियों का निरीक्षण करने के लिए औषधि निरीक्षकों की टीमें भेजी जाएंगी। वहां बन रही दवाओं की जांच की जाएगी और बरामद नकली दवाओं के रैपर, बैच नंबर, और अन्य जानकारियों का मिलान किया जाएगा। कंपनियों के अधिकारियों से पूछताछ कर बयान भी दर्ज किए जाएंगे।
पुलिस और प्रशासन सक्रिय
जांच के लिए आवश्यक अनुमति औषधि विभाग को मिल चुकी है। पुलिस को भी इस मामले की रिपोर्ट दी जाएगी, ताकि कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया तेज हो सके। इस घोटाले को जड़ से खत्म करने के लिए स्थानीय और राज्य प्रशासन लगातार काम कर रहे हैं।
आरोपियों पर सख्ती
इस घटना ने दवा कारोबार में नकली उत्पादों की बड़ी समस्या को उजागर किया है। अब तक सामने आए तथ्यों से स्पष्ट है कि ये नकली दवाएं न केवल कानून के उल्लंघन का मामला हैं, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा हैं।
यह मामला एक चेतावनी है कि नकली दवाइयों का व्यापार कितनी तेजी से लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर सकता है और ऐसे मामलों पर कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है।